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भारत और रूस के बीच मित्रता समय की कसौटी पर खरी उतरी है। अभी हाल ही में इसे कोविड -19 महामारी के दौरान टीकों के क्षेत्र सहित कई क्षेत्रों में हमारे सुदृढ़ सहयोग के रूप में देखा गया। महामारी ने हमारे द्विपक्षीय सहयोग में स्वास्थ्य और दवा क्षेत्रों के विशेष महत्व को सामने लाया है। ऊर्जा हमारी रणनीतिक साझेदारी का एक अन्य प्रमुख स्तंभ है। भारत-रूस ऊर्जा साझेदारी वैश्विक ऊर्जा बाजार में स्थिरता लाने में काफी मदद कर सकती है। मेरे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप पुरी इस मंच में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए व्लादिवोस्तोक में हैं।  भारतीय कामगार अमूर क्षेत्र में यमल से व्लादिवोस्तोक तक और इसके साथ ही उसके आगे चेन्नई में प्रमुख गैस परियोजनाओं में भाग ले रहे हैं। हमने एक ऊर्जा और व्यापार सेतु की परिकल्पना की है। मुझे खुशी है कि चेन्नई-व्लादिवोस्तोक समुद्री गलियारे का कार्य प्रगति पर है। अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर के साथ-साथ यह कनेक्टिविटी परियोजना भारत और रूस को भौतिक रूप से एक-दूसरे के करीब लाएगी। महामारी संबंधी पाबंदियों के बावजूद कई क्षेत्रों में हमारे कारोबारी संबंधों को मजबूत करने में अच्छी प्रगति हुई है। इसमें भारतीय इस्पात उद्योग को कोकिंग कोल की दीर्घकालिक आपूर्ति शामिल है। हम कृषि उद्योग, मिट्टी के बर्तन, रणनीतिक एवं दुर्लभ खनिजों और हीरे में भी नए अवसर तलाश रहे हैं।  मुझे प्रसन्‍नता हो रही है कि साखा-याकुटिया और गुजरात के हीरा प्रतिनिधि इस मंच के तहत ही अलग से वार्तालाप कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि वर्ष 2019 में घोषित 1 अरब डॉलर की सॉफ्ट क्रेडिट लाइन दोनों देशों के बीच अनगिनत कारोबारी अवसर सृजित करेगी।