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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सोमवार, 12 नवम्बर, 2018 को वाराणसी में गंगा नदी पर नवनिर्मित बहुआयामी टर्मिनल राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह गंगा नदी पर बनाये जा रहे तीन बहुआयामी टर्मिनलों और दो इंटरमॉडल टर्मिनलों में से एक है। इन बहुआयामी टर्मिनलों का निर्माण जलमार्ग विकास परियोजना के तहत कराया जा रहा है, जिसका उद्देश्य 1500 से 2000 टन तक भारी जहाजों को वाराणसी से हल्दिया तक चलाने के लिए गंगा नदी का विस्तार करना है। इसका उद्देश्य अंतर्देशीय जलमार्ग को सस्ता, पर्यावरण के अनुकूल परिवहन बनाना और विशेष रूप से कार्गो जहाजों के आवागमन को बढ़ावा देना है। यह परियोजना भारतीय अंतर्देशीय जल मार्ग प्राधिकरण के अधीन चल रही है। जल मार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) को राष्ट्रीय जल मार्ग-1 के हल्दिया-वाराणसी मार्ग के खंड पर विश्व बैंक की तकनीकी और वित्तीय सहायता से चलाया जा रहा है, जिसकी अनुमानित लागत 5369.18 करोड़ रुपये है। इसमें भारत सरकार और विश्व बैंक की साझेदारी 50-50 प्रतिशत होगी। इस परियोजना में तीन बहुआयामी टर्मिनल (वाराणसी, साहिबगंज और हल्दिया), दो इंटरमॉडल टर्मिनल, पांच रोल ऑन-रोल ऑफ (रो-रो) टर्मिनल, फरक्का में नई नेवीगेशन लॉक, एकीकृत जहाज मरम्मत एवं रखरखाव सुविधा, डीजीपीएस, नदी सूचना प्रणाली (आरआईएस), नदी प्रशिक्षण एवं नदी संरक्षण कार्य शामिल हैं। आर.के.मीणा/अर्चना/एके/जीआरएस-11123
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