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नई दिल्ली, एएनआइ। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में नक्सलियों से संबंध के आरोप में नजरबंद वामपंथी विचारकों की हिरासत को सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्ते और बढ़ा दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एसआइटी गठित करने की मांग ठुकराते हुए पुणे पुलिस से आगे की जांच जारी रखने को कहा है। इन पांच वामपंथी विचारकों में वरवरा राव, अरुण फरेरा, वरनान गोन्साल्विज, सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा शामिल हैं। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस खानविलकर के बहुमत के फैसले में कहा गया कि इस मामले में गिरफ्तारी सिर्फ इसलिए नहीं हुई है, क्योंकि असहमति थी। मामले की एसआइटी जांच नहीं कराई जाएगी। वहीं जस्टिस चंद्रचूड़ ने बहुमत से विपरीत पक्ष रखा।
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