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अमृतसर [नितिन धीमान]। एक मां अपने पेट में नौ माह तक शिशु को पालती है। मां की कोख में ही रहकर बच्चा पूर्णत: विकसित होता है। उसको कोख में ही जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं। शिशु के विकास का यह क्रम पहले महीने से नौवें महीने तक जारी रहता है। वर्तमान में कई शिशुओं को गर्भ में नौ माह तक आश्रय नहीं मिल रहा। पंजाब में तीस प्रतिशत शिशु छठे, सातवें व आठवें महीने में ही जन्म ले रहे हैं। समय पूर्व जन्मे ये शिशु शांत होते हैं और शारीरिक विकास असामान्य। ऐसे शिशु इतने कमजोर होते हैं कि स्तनपान करने के लिए अपना मुंह तक नहीं खोल पाते। वह सांस लेने में भी तकलीफ महसूस करते हैं। दरअसल, चिकित्सा विज्ञान की भाषा में ऐसे बच्चों को प्रीमेच्योर कहा जाता है। पंजाब के सरकारी एवं निजी अस्पताल में 100 में से 30 शिशु प्रीमेच्योर पैदा हो रहे हैं।
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