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परती छोड़ी जाने वाली ऐसी जमीनों का रकबा लगभग 20 लाख हेक्टेयर से भी ज्यादा है, जिसका उपयोग दलहन व तिलहन की खेती के लिए किया जा सकता है। आगामी रबी सीजन में अकेले दलहनी फसलों के लिए अतिरिक्त 18.50 लाख हेक्टेयर भूमि का लक्ष्य रखा गया है। जबकि पिछले साल यह केवल दस लाख हेक्टेयर में दलहन व तिलहन की खेती की गई थी। इसमें तकरीबन 13.50 टन दलहनी फसलों की पैदावार का अनुमान लगाया गया है। जबकि दो से ढाई लाख हेक्टेयर रकबा में तिलहन की फसल बोई जाएगी।
इन छह पूर्वी राज्यों असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में 80 हजार से अधिक दलहन और 40 हजार से अधिक मिनी किट मुफ्त सीधे किसानों को केंद्रीय एजेंसियां भेज रही हैं। दलहन व तिलहन खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने इन दोनों फसलों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) के तहत शामिल कर लिया है। इन राज्यों को हर तरह की तकनीकी और अन्य सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी।