diff --git "a/pm-speech/101.txt" "b/pm-speech/101.txt" new file mode 100644--- /dev/null +++ "b/pm-speech/101.txt" @@ -0,0 +1,188 @@ +ये देवभूमि ऋषियों की तपोस्थली रही है। योगनगरी के रूप में ये विश्व के लोगों को आकर्षित करती रही है। मां गंगा के समीप, हम सभी को उनका आशीर्वाद मिल रहा है। आज से नवरात्र का पावन पर्व भी शुरु हो रहा है। आज प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। मां शैलपुत्री, हिमालय पुत्री हैं। और आज के दिन मेरा यहां होना, यहां आकर इस मिट्टी को प्रणाम करना, हिमालय की इस धरती को प्रणाम करना, इससे बड़ा जीवन में कौन सा धन्य भाव हो सकता है। और मैं आज जो उत्तराखंड आया हूं तो एक विशेष रूप से भी बधाई देना चाहता हूं। क्योंकि इस बार टोक्यो ऑलंपिक में ये देवभूमि ने भी अपना झंडा गाड़ दिया है और इसलिए आप सब अभिनंदन के अधिकारी हैं। उत्तराखंड की दिव्यधरा ने मुझ जैसे अनेक लोगों के जीवन की धारा को बदलने में बड़ी भूमिका निभाई है। ये भूमि इसलिए मेरे लिए महत्वपूर्ण है। इस भूमि से मेरा नाता मर्म का भी है, कर्म का भी है, सत्व का भी है, तत्व का भी है। + +सौ साल के इस सबसे बड़े संकट का सामना हम भारतीय जिस बहादुरी से कर रहे हैं, ये दुनिया बहुत बारीकी से देख रही है।कोरोना से लड़ाई के लिए इतने कम समय में भारत ने जो सुविधाएं तैयार कीं, वो हमारे देश के सामर्थ्य को दिखाता है। सिर्फ एक टेस्टिंग लैब से करीब 3 हजार टेस्टिंग लैब्स का नेटवर्क बनना, मास्क और किट्स के आयात से प्रारंभ हमारी जिंदगी आज निर्यातक बनने का सफर तेजी से पार कर रही है। देश के दूर-दराज वाले इलाकों में भी नए वेंटिलेटर्स की सुविधाएं, मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन का तेज़ी से और बड़ी मात्रा में निर्माण, दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे तेज़ टीकाकरण अभियान भारत ने जो कर दिखाया है, वो हमारी संकल्प-शक्ति, हमारे सेवाभाव, हमारी एकजुटता का प्रतीक है। + +यहां उपस्थित कई महानुभाव इस बात से परिचित हैं, कि ऑक्सीजन के प्रॉडक्शन के साथ ही उसका ट्रांसपोर्टेशन भी कितनी बड़ी चुनौती होता है। ऑक्सीजन ऐसे ही किसी टैंकर में नहीं ले जाया जा सकता। इसके लिए खास टैंकर चाहिए होता है। भारत में ऑक्सीजन प्रोडक्शन का काम सबसे ज्यादा पूर्वी भारत में होता है, लेकिन मुश्किल ये कि ज़रूरत सबसे अधिक उत्तर और पश्चिमी भारत में पड़ी। + +लॉजिस्टिक्स की इतनी चुनौतियों से जूझते हुए देश ने युद्धस्तर पर काम किया। देश और दुनिया में दिन-रात जहां से भी संभव हो, वहां से ऑक्सीजन प्लांट्स, ऑक्सीजन टैंकर अरैंज किए गए। स्पेशल ऑक्सीजन ट्रेन चलाई गई, खाली टैंकरों को तेज़ी से पहुंचाने के लिए वायुसेना के विमान लगाए गए। प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए DRDO के माध्यम से तेजस फाइटर प्लेन की टेक्नॉलॉजी को लगाया गया। पीएम केयर्स से देश में PSA ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने पर काम तो तेज हुआ ही,  एक लाख से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के लिए पैसा भी दिया गया। + +भविष्य में कोरोना से लड़ाई के लिए हमारी तैयारी और पुख्ता हो, इसके लिए देशभर में PSA ऑक्सीजन प्लांट्स का नेटवर्क तैयार हो रहा है। बीते कुछ महीनों में पीएम केयर्स द्वारा स्वीकृत 1150 से अधिक ऑक्सीजन प्लांट्स काम करना शुरू कर चुके हैं। अब देश का हर जिला, पीएम केयर्स के तहत बने हुए ऑक्सीजन प्लांट्स से कवर हो गया है। पीएम केयर्स के सहयोग से बने इन ऑक्सीजन प्लांट्स को जोड़ लें, तो केंद्र सरकार, राज्य सरकार, इन सभी के प्रयासों से देश को करीब 4 हज़ार नए ऑक्सीजन प्लांट्स मिलने जा रहे हैं। ऑक्सीजन की चुनौती का मुकाबला करने में अब देश और देश के अस्पताल, पहले से कहीं ज्यादा सक्षम हो रहे हैं। + +ये हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है कि कोरोना वैक्सीन की 93 करोड़ डोज लगाई जा चुकी है। बहुत जल्द हम 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर पाएंगे और पार कर जाएंगे। भारत ने Cowin प्लेटफॉर्म का निर्माण करके पूरी दुनिया को राह दिखाई है कि इतने बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन किया कैसे जाता है। पहाड़ हो या रेगिस्तान, जंगल हो या समंदर, 10 लोग हों या 10 लाख, हर क्षेत्र तक आज हम पूरी सुरक्षा के साथ वैक्सीन पहुंचा रहे हैं। इसके लिए देशभर में 1 लाख 30 हजार से ज्यादा टीकाकरण केंद्र स्थापित किए गए हैं। यहां राज्य सरकार के प्रभावी मैनेजमेंट की वजह से उत्तराखंड भी बहुत जल्द शत-प्रतिशत पहली डोज़ का पड़ाव पूरा करने वाला है, और इसके लिए मुख्यमंत्री जी को, उनकी पूरी टीम को, यहां के हर छोटे- मोटे सरकार के साथियों को मैं हृदय से बहुत – बहुत बधाई देता हूं। + +जहां तराई जैसी समतल भूमि है। वहां शायद इन कामों में सरलता रहती है। मैं इस धरती से बहुत जुड़ा रहा। यहां वैक्सीन पहुंचाना भी कितना कठिन होता है। हिमालय के पहाड़ों के उस पार पहुंचकर के लोगों के पास जाना कितना कठिन होता है। ये हम भलि भांति जानते हैं। उसके बावजूद भी इतनी बड़ी सिद्दी प्राप्त करना वाकई आप सब अभिनंदन के अधिकारी हैं। + +स��वास्थ्य सुविधाएं सभी तक पहुंचाने के लिए लास्ट माइल डिलिवरी से जुड़ा एक सशक्त हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर भी बहुत ज़रूरी होता है। 6-7 साल पहले तक सिर्फ कुछ राज्यों तक ही एम्स की सुविधा थी, आज हर राज्य तक एम्स पहुंचाने के लिए काम हो रहा है। 6 एम्स से आगे बढ़कर 22 एम्स का सशक्त नेटवर्क बनाने की तरफ हम तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। सरकार का ये भी लक्ष्य है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो। इसके लिए बीते 7 वर्षों में देश में 170 नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए गए हैं। दर्जनों नए मेडिकल कॉलेज का काम जारी है। यहां मेरे उत्तराखंड में भी रुद्रपुर, हरिद्वार और पिथौरागढ़ में नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है। + +उत्तराखंड की देश की सुरक्षा में बहुत बड़ी भूमिका है। यहां का वीर नौजवान, वीर बेटियां, भारतीय सुरक्षा बलों की आन, बान और शान हैं। हमारी सरकार, हर फौजी, हर पूर्व फौजी के हितों को लेकर भी पूरी गंभीरता से काम कर रही है। ये हमारी ही सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन को लागू करके अपने फौजी भाइयों की 40 साल पुरानी मांग पूरी की। और हमारे धामी जी तो खुद फौजी के बेटे हैं। वो बता भी रहे थे कि वन रैंक वन पैंशन इस फैसले ने, फौजियों को कितनी बड़ी मदद की है। + +यहां उत्तराखंड में युवा ऊर्जा से भरपूर उत्साही टीम है। अगले कुछ वर्ष में उत्तराखंड अपने गठन के 25 वर्ष में प्रवेश करेगा। उत्तराखंड को बहुत निकट भविष्य में 25 वर्ष होने वाले हैं।  तब उत्तराखंड जिस ऊंचाई पर होगा, ये तय करने, उसके लिए जुट जाने का यही समय है, सही समय है। केंद्र में जो सरकार है, वो उत्तराखंड की इस नई टीम को, पूरी मदद दे रही है। केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास, यहां के लोगों के सपनों को पूरा करने का बहुत बड़ा आधार हैं। विकास का यही डबल इंजन उत्तराखंड को नई बुलंदी देने वाला है। बाबा केदार की कृपा से, हम हर संकल्प को सिद्ध करें, इसी कामना के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। + +सौ साल के इस सबसे बड़े संकट का सामना हम भारतीय जिस बहादुरी से कर रहे हैं, ये दुनिया बहुत बारीकी से देख रही है।कोरोना से लड़ाई के लिए इतने कम समय में भारत ने जो सुविधाएं तैयार कीं, वो हमारे देश के सामर्थ्य को दिखाता है। सिर्फ एक टेस्टिंग लैब से करीब 3 हजार टेस्टिंग लैब्स का नेटवर्क बनना, मास्क और किट्स के आयात से प्रारंभ हमारी जिंदगी आज निर���यातक बनने का सफर तेजी से पार कर रही है। देश के दूर-दराज वाले इलाकों में भी नए वेंटिलेटर्स की सुविधाएं, मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन का तेज़ी से और बड़ी मात्रा में निर्माण, दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे तेज़ टीकाकरण अभियान भारत ने जो कर दिखाया है, वो हमारी संकल्प-शक्ति, हमारे सेवाभाव, हमारी एकजुटता का प्रतीक है। + +यहां उपस्थित कई महानुभाव इस बात से परिचित हैं, कि ऑक्सीजन के प्रॉडक्शन के साथ ही उसका ट्रांसपोर्टेशन भी कितनी बड़ी चुनौती होता है। ऑक्सीजन ऐसे ही किसी टैंकर में नहीं ले जाया जा सकता। इसके लिए खास टैंकर चाहिए होता है। भारत में ऑक्सीजन प्रोडक्शन का काम सबसे ज्यादा पूर्वी भारत में होता है, लेकिन मुश्किल ये कि ज़रूरत सबसे अधिक उत्तर और पश्चिमी भारत में पड़ी। + +लॉजिस्टिक्स की इतनी चुनौतियों से जूझते हुए देश ने युद्धस्तर पर काम किया। देश और दुनिया में दिन-रात जहां से भी संभव हो, वहां से ऑक्सीजन प्लांट्स, ऑक्सीजन टैंकर अरैंज किए गए। स्पेशल ऑक्सीजन ट्रेन चलाई गई, खाली टैंकरों को तेज़ी से पहुंचाने के लिए वायुसेना के विमान लगाए गए। प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए DRDO के माध्यम से तेजस फाइटर प्लेन की टेक्नॉलॉजी को लगाया गया। पीएम केयर्स से देश में PSA ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने पर काम तो तेज हुआ ही,  एक लाख से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के लिए पैसा भी दिया गया। + +भविष्य में कोरोना से लड़ाई के लिए हमारी तैयारी और पुख्ता हो, इसके लिए देशभर में PSA ऑक्सीजन प्लांट्स का नेटवर्क तैयार हो रहा है। बीते कुछ महीनों में पीएम केयर्स द्वारा स्वीकृत 1150 से अधिक ऑक्सीजन प्लांट्स काम करना शुरू कर चुके हैं। अब देश का हर जिला, पीएम केयर्स के तहत बने हुए ऑक्सीजन प्लांट्स से कवर हो गया है। पीएम केयर्स के सहयोग से बने इन ऑक्सीजन प्लांट्स को जोड़ लें, तो केंद्र सरकार, राज्य सरकार, इन सभी के प्रयासों से देश को करीब 4 हज़ार नए ऑक्सीजन प्लांट्स मिलने जा रहे हैं। ऑक्सीजन की चुनौती का मुकाबला करने में अब देश और देश के अस्पताल, पहले से कहीं ज्यादा सक्षम हो रहे हैं। + +ये हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है कि कोरोना वैक्सीन की 93 करोड़ डोज लगाई जा चुकी है। बहुत जल्द हम 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर पाएंगे और पार कर जाएंगे। भारत ने Cowin प्लेटफॉर्म का निर्माण करके पूरी दुनिया को राह दिखाई है कि इतने बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन किया कैसे जाता है। पहाड़ हो या रेगिस्तान, जंगल हो या समंदर, 10 लोग हों या 10 लाख, हर क्षेत्र तक आज हम पूरी सुरक्षा के साथ वैक्सीन पहुंचा रहे हैं। इसके लिए देशभर में 1 लाख 30 हजार से ज्यादा टीकाकरण केंद्र स्थापित किए गए हैं। यहां राज्य सरकार के प्रभावी मैनेजमेंट की वजह से उत्तराखंड भी बहुत जल्द शत-प्रतिशत पहली डोज़ का पड़ाव पूरा करने वाला है, और इसके लिए मुख्यमंत्री जी को, उनकी पूरी टीम को, यहां के हर छोटे- मोटे सरकार के साथियों को मैं हृदय से बहुत – बहुत बधाई देता हूं। + +जहां तराई जैसी समतल भूमि है। वहां शायद इन कामों में सरलता रहती है। मैं इस धरती से बहुत जुड़ा रहा। यहां वैक्सीन पहुंचाना भी कितना कठिन होता है। हिमालय के पहाड़ों के उस पार पहुंचकर के लोगों के पास जाना कितना कठिन होता है। ये हम भलि भांति जानते हैं। उसके बावजूद भी इतनी बड़ी सिद्दी प्राप्त करना वाकई आप सब अभिनंदन के अधिकारी हैं। + +स्वास्थ्य सुविधाएं सभी तक पहुंचाने के लिए लास्ट माइल डिलिवरी से जुड़ा एक सशक्त हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर भी बहुत ज़रूरी होता है। 6-7 साल पहले तक सिर्फ कुछ राज्यों तक ही एम्स की सुविधा थी, आज हर राज्य तक एम्स पहुंचाने के लिए काम हो रहा है। 6 एम्स से आगे बढ़कर 22 एम्स का सशक्त नेटवर्क बनाने की तरफ हम तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। सरकार का ये भी लक्ष्य है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो। इसके लिए बीते 7 वर्षों में देश में 170 नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए गए हैं। दर्जनों नए मेडिकल कॉलेज का काम जारी है। यहां मेरे उत्तराखंड में भी रुद्रपुर, हरिद्वार और पिथौरागढ़ में नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है। + +उत्तराखंड की देश की सुरक्षा में बहुत बड़ी भूमिका है। यहां का वीर नौजवान, वीर बेटियां, भारतीय सुरक्षा बलों की आन, बान और शान हैं। हमारी सरकार, हर फौजी, हर पूर्व फौजी के हितों को लेकर भी पूरी गंभीरता से काम कर रही है। ये हमारी ही सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन को लागू करके अपने फौजी भाइयों की 40 साल पुरानी मांग पूरी की। और हमारे धामी जी तो खुद फौजी के बेटे हैं। वो बता भी रहे थे कि वन रैंक वन पैंशन इस फैसले ने, फौजियों को कितनी बड़ी मदद की है। + +यहां उत्तराखंड में युवा ऊर्जा से भरपूर उत्साही टीम है। अगले कुछ वर्ष में उत्तराखंड अपने गठन के 25 वर्ष में प्रवेश कर���गा। उत्तराखंड को बहुत निकट भविष्य में 25 वर्ष होने वाले हैं।  तब उत्तराखंड जिस ऊंचाई पर होगा, ये तय करने, उसके लिए जुट जाने का यही समय है, सही समय है। केंद्र में जो सरकार है, वो उत्तराखंड की इस नई टीम को, पूरी मदद दे रही है। केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास, यहां के लोगों के सपनों को पूरा करने का बहुत बड़ा आधार हैं। विकास का यही डबल इंजन उत्तराखंड को नई बुलंदी देने वाला है। बाबा केदार की कृपा से, हम हर संकल्प को सिद्ध करें, इसी कामना के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। + +सौ साल के इस सबसे बड़े संकट का सामना हम भारतीय जिस बहादुरी से कर रहे हैं, ये दुनिया बहुत बारीकी से देख रही है।कोरोना से लड़ाई के लिए इतने कम समय में भारत ने जो सुविधाएं तैयार कीं, वो हमारे देश के सामर्थ्य को दिखाता है। सिर्फ एक टेस्टिंग लैब से करीब 3 हजार टेस्टिंग लैब्स का नेटवर्क बनना, मास्क और किट्स के आयात से प्रारंभ हमारी जिंदगी आज निर्यातक बनने का सफर तेजी से पार कर रही है। देश के दूर-दराज वाले इलाकों में भी नए वेंटिलेटर्स की सुविधाएं, मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन का तेज़ी से और बड़ी मात्रा में निर्माण, दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे तेज़ टीकाकरण अभियान भारत ने जो कर दिखाया है, वो हमारी संकल्प-शक्ति, हमारे सेवाभाव, हमारी एकजुटता का प्रतीक है। + +यहां उपस्थित कई महानुभाव इस बात से परिचित हैं, कि ऑक्सीजन के प्रॉडक्शन के साथ ही उसका ट्रांसपोर्टेशन भी कितनी बड़ी चुनौती होता है। ऑक्सीजन ऐसे ही किसी टैंकर में नहीं ले जाया जा सकता। इसके लिए खास टैंकर चाहिए होता है। भारत में ऑक्सीजन प्रोडक्शन का काम सबसे ज्यादा पूर्वी भारत में होता है, लेकिन मुश्किल ये कि ज़रूरत सबसे अधिक उत्तर और पश्चिमी भारत में पड़ी। + +लॉजिस्टिक्स की इतनी चुनौतियों से जूझते हुए देश ने युद्धस्तर पर काम किया। देश और दुनिया में दिन-रात जहां से भी संभव हो, वहां से ऑक्सीजन प्लांट्स, ऑक्सीजन टैंकर अरैंज किए गए। स्पेशल ऑक्सीजन ट्रेन चलाई गई, खाली टैंकरों को तेज़ी से पहुंचाने के लिए वायुसेना के विमान लगाए गए। प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए DRDO के माध्यम से तेजस फाइटर प्लेन की टेक्नॉलॉजी को लगाया गया। पीएम केयर्स से देश में PSA ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने पर काम तो तेज हुआ ही,  एक लाख से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के लिए पैसा भी दिया गया। + +भविष्य में कोरोना से लड़ाई के लिए हमारी तैयारी और पुख्ता हो, इसके लिए देशभर में PSA ऑक्सीजन प्लांट्स का नेटवर्क तैयार हो रहा है। बीते कुछ महीनों में पीएम केयर्स द्वारा स्वीकृत 1150 से अधिक ऑक्सीजन प्लांट्स काम करना शुरू कर चुके हैं। अब देश का हर जिला, पीएम केयर्स के तहत बने हुए ऑक्सीजन प्लांट्स से कवर हो गया है। पीएम केयर्स के सहयोग से बने इन ऑक्सीजन प्लांट्स को जोड़ लें, तो केंद्र सरकार, राज्य सरकार, इन सभी के प्रयासों से देश को करीब 4 हज़ार नए ऑक्सीजन प्लांट्स मिलने जा रहे हैं। ऑक्सीजन की चुनौती का मुकाबला करने में अब देश और देश के अस्पताल, पहले से कहीं ज्यादा सक्षम हो रहे हैं। + +ये हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है कि कोरोना वैक्सीन की 93 करोड़ डोज लगाई जा चुकी है। बहुत जल्द हम 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर पाएंगे और पार कर जाएंगे। भारत ने Cowin प्लेटफॉर्म का निर्माण करके पूरी दुनिया को राह दिखाई है कि इतने बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन किया कैसे जाता है। पहाड़ हो या रेगिस्तान, जंगल हो या समंदर, 10 लोग हों या 10 लाख, हर क्षेत्र तक आज हम पूरी सुरक्षा के साथ वैक्सीन पहुंचा रहे हैं। इसके लिए देशभर में 1 लाख 30 हजार से ज्यादा टीकाकरण केंद्र स्थापित किए गए हैं। यहां राज्य सरकार के प्रभावी मैनेजमेंट की वजह से उत्तराखंड भी बहुत जल्द शत-प्रतिशत पहली डोज़ का पड़ाव पूरा करने वाला है, और इसके लिए मुख्यमंत्री जी को, उनकी पूरी टीम को, यहां के हर छोटे- मोटे सरकार के साथियों को मैं हृदय से बहुत – बहुत बधाई देता हूं। + +जहां तराई जैसी समतल भूमि है। वहां शायद इन कामों में सरलता रहती है। मैं इस धरती से बहुत जुड़ा रहा। यहां वैक्सीन पहुंचाना भी कितना कठिन होता है। हिमालय के पहाड़ों के उस पार पहुंचकर के लोगों के पास जाना कितना कठिन होता है। ये हम भलि भांति जानते हैं। उसके बावजूद भी इतनी बड़ी सिद्दी प्राप्त करना वाकई आप सब अभिनंदन के अधिकारी हैं। + +स्वास्थ्य सुविधाएं सभी तक पहुंचाने के लिए लास्ट माइल डिलिवरी से जुड़ा एक सशक्त हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर भी बहुत ज़रूरी होता है। 6-7 साल पहले तक सिर्फ कुछ राज्यों तक ही एम्स की सुविधा थी, आज हर राज्य तक एम्स पहुंचाने के लिए काम हो रहा है। 6 एम्स से आगे बढ़कर 22 एम्स का सशक्त नेटवर्क बनाने की तरफ हम तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। सरकार का ये भी लक्ष्य है कि देश क�� हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो। इसके लिए बीते 7 वर्षों में देश में 170 नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए गए हैं। दर्जनों नए मेडिकल कॉलेज का काम जारी है। यहां मेरे उत्तराखंड में भी रुद्रपुर, हरिद्वार और पिथौरागढ़ में नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है। + +उत्तराखंड की देश की सुरक्षा में बहुत बड़ी भूमिका है। यहां का वीर नौजवान, वीर बेटियां, भारतीय सुरक्षा बलों की आन, बान और शान हैं। हमारी सरकार, हर फौजी, हर पूर्व फौजी के हितों को लेकर भी पूरी गंभीरता से काम कर रही है। ये हमारी ही सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन को लागू करके अपने फौजी भाइयों की 40 साल पुरानी मांग पूरी की। और हमारे धामी जी तो खुद फौजी के बेटे हैं। वो बता भी रहे थे कि वन रैंक वन पैंशन इस फैसले ने, फौजियों को कितनी बड़ी मदद की है। + +यहां उत्तराखंड में युवा ऊर्जा से भरपूर उत्साही टीम है। अगले कुछ वर्ष में उत्तराखंड अपने गठन के 25 वर्ष में प्रवेश करेगा। उत्तराखंड को बहुत निकट भविष्य में 25 वर्ष होने वाले हैं।  तब उत्तराखंड जिस ऊंचाई पर होगा, ये तय करने, उसके लिए जुट जाने का यही समय है, सही समय है। केंद्र में जो सरकार है, वो उत्तराखंड की इस नई टीम को, पूरी मदद दे रही है। केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास, यहां के लोगों के सपनों को पूरा करने का बहुत बड़ा आधार हैं। विकास का यही डबल इंजन उत्तराखंड को नई बुलंदी देने वाला है। बाबा केदार की कृपा से, हम हर संकल्प को सिद्ध करें, इसी कामना के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। + +सौ साल के इस सबसे बड़े संकट का सामना हम भारतीय जिस बहादुरी से कर रहे हैं, ये दुनिया बहुत बारीकी से देख रही है।कोरोना से लड़ाई के लिए इतने कम समय में भारत ने जो सुविधाएं तैयार कीं, वो हमारे देश के सामर्थ्य को दिखाता है। सिर्फ एक टेस्टिंग लैब से करीब 3 हजार टेस्टिंग लैब्स का नेटवर्क बनना, मास्क और किट्स के आयात से प्रारंभ हमारी जिंदगी आज निर्यातक बनने का सफर तेजी से पार कर रही है। देश के दूर-दराज वाले इलाकों में भी नए वेंटिलेटर्स की सुविधाएं, मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन का तेज़ी से और बड़ी मात्रा में निर्माण, दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे तेज़ टीकाकरण अभियान भारत ने जो कर दिखाया है, वो हमारी संकल्प-शक्ति, हमारे सेवाभाव, हमारी एकजुटता का प्रतीक है। + +यहां उपस्थित कई महानुभाव इस बात से परिचित हैं, कि ऑक्सीजन के प्रॉडक्शन के साथ ही उसका ट्रांसपोर्टेशन भी कितनी बड़ी चुनौती होता है। ऑक्सीजन ऐसे ही किसी टैंकर में नहीं ले जाया जा सकता। इसके लिए खास टैंकर चाहिए होता है। भारत में ऑक्सीजन प्रोडक्शन का काम सबसे ज्यादा पूर्वी भारत में होता है, लेकिन मुश्किल ये कि ज़रूरत सबसे अधिक उत्तर और पश्चिमी भारत में पड़ी। + +लॉजिस्टिक्स की इतनी चुनौतियों से जूझते हुए देश ने युद्धस्तर पर काम किया। देश और दुनिया में दिन-रात जहां से भी संभव हो, वहां से ऑक्सीजन प्लांट्स, ऑक्सीजन टैंकर अरैंज किए गए। स्पेशल ऑक्सीजन ट्रेन चलाई गई, खाली टैंकरों को तेज़ी से पहुंचाने के लिए वायुसेना के विमान लगाए गए। प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए DRDO के माध्यम से तेजस फाइटर प्लेन की टेक्नॉलॉजी को लगाया गया। पीएम केयर्स से देश में PSA ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने पर काम तो तेज हुआ ही,  एक लाख से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के लिए पैसा भी दिया गया। + +भविष्य में कोरोना से लड़ाई के लिए हमारी तैयारी और पुख्ता हो, इसके लिए देशभर में PSA ऑक्सीजन प्लांट्स का नेटवर्क तैयार हो रहा है। बीते कुछ महीनों में पीएम केयर्स द्वारा स्वीकृत 1150 से अधिक ऑक्सीजन प्लांट्स काम करना शुरू कर चुके हैं। अब देश का हर जिला, पीएम केयर्स के तहत बने हुए ऑक्सीजन प्लांट्स से कवर हो गया है। पीएम केयर्स के सहयोग से बने इन ऑक्सीजन प्लांट्स को जोड़ लें, तो केंद्र सरकार, राज्य सरकार, इन सभी के प्रयासों से देश को करीब 4 हज़ार नए ऑक्सीजन प्लांट्स मिलने जा रहे हैं। ऑक्सीजन की चुनौती का मुकाबला करने में अब देश और देश के अस्पताल, पहले से कहीं ज्यादा सक्षम हो रहे हैं। + +ये हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है कि कोरोना वैक्सीन की 93 करोड़ डोज लगाई जा चुकी है। बहुत जल्द हम 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर पाएंगे और पार कर जाएंगे। भारत ने Cowin प्लेटफॉर्म का निर्माण करके पूरी दुनिया को राह दिखाई है कि इतने बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन किया कैसे जाता है। पहाड़ हो या रेगिस्तान, जंगल हो या समंदर, 10 लोग हों या 10 लाख, हर क्षेत्र तक आज हम पूरी सुरक्षा के साथ वैक्सीन पहुंचा रहे हैं। इसके लिए देशभर में 1 लाख 30 हजार से ज्यादा टीकाकरण केंद्र स्थापित किए गए हैं। यहां राज्य सरकार के प्रभावी मैनेजमेंट की वजह से उत्तराखंड भी बहुत जल्द शत-प्रतिशत पहली डोज़ का पड़ाव पूरा करने वाला है, और इसके लिए मुख्यमंत्री जी को, उनकी पूरी टीम को, यहां के हर छोटे- मोटे सरकार के साथियों को मैं हृदय से बहुत – बहुत बधाई देता हूं। + +जहां तराई जैसी समतल भूमि है। वहां शायद इन कामों में सरलता रहती है। मैं इस धरती से बहुत जुड़ा रहा। यहां वैक्सीन पहुंचाना भी कितना कठिन होता है। हिमालय के पहाड़ों के उस पार पहुंचकर के लोगों के पास जाना कितना कठिन होता है। ये हम भलि भांति जानते हैं। उसके बावजूद भी इतनी बड़ी सिद्दी प्राप्त करना वाकई आप सब अभिनंदन के अधिकारी हैं। + +स्वास्थ्य सुविधाएं सभी तक पहुंचाने के लिए लास्ट माइल डिलिवरी से जुड़ा एक सशक्त हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर भी बहुत ज़रूरी होता है। 6-7 साल पहले तक सिर्फ कुछ राज्यों तक ही एम्स की सुविधा थी, आज हर राज्य तक एम्स पहुंचाने के लिए काम हो रहा है। 6 एम्स से आगे बढ़कर 22 एम्स का सशक्त नेटवर्क बनाने की तरफ हम तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। सरकार का ये भी लक्ष्य है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो। इसके लिए बीते 7 वर्षों में देश में 170 नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए गए हैं। दर्जनों नए मेडिकल कॉलेज का काम जारी है। यहां मेरे उत्तराखंड में भी रुद्रपुर, हरिद्वार और पिथौरागढ़ में नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है। + +उत्तराखंड की देश की सुरक्षा में बहुत बड़ी भूमिका है। यहां का वीर नौजवान, वीर बेटियां, भारतीय सुरक्षा बलों की आन, बान और शान हैं। हमारी सरकार, हर फौजी, हर पूर्व फौजी के हितों को लेकर भी पूरी गंभीरता से काम कर रही है। ये हमारी ही सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन को लागू करके अपने फौजी भाइयों की 40 साल पुरानी मांग पूरी की। और हमारे धामी जी तो खुद फौजी के बेटे हैं। वो बता भी रहे थे कि वन रैंक वन पैंशन इस फैसले ने, फौजियों को कितनी बड़ी मदद की है। + +यहां उत्तराखंड में युवा ऊर्जा से भरपूर उत्साही टीम है। अगले कुछ वर्ष में उत्तराखंड अपने गठन के 25 वर्ष में प्रवेश करेगा। उत्तराखंड को बहुत निकट भविष्य में 25 वर्ष होने वाले हैं।  तब उत्तराखंड जिस ऊंचाई पर होगा, ये तय करने, उसके लिए जुट जाने का यही समय है, सही समय है। केंद्र में जो सरकार है, वो उत्तराखंड की इस नई टीम को, पूरी मदद दे रही है। केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास, यहां के लोगों के सपनों को पूरा करने का बहुत बड़ा आधार हैं। विकास का यही डबल इंजन उत्तराखंड को नई बुलंदी देने वाला है। बाबा केदार की कृपा से, हम हर संकल्प को सिद्ध करें, इसी कामना के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। + +यहां उपस्थित कई महानुभाव इस बात से परिचित हैं, कि ऑक्सीजन के प्रॉडक्शन के साथ ही उसका ट्रांसपोर्टेशन भी कितनी बड़ी चुनौती होता है। ऑक्सीजन ऐसे ही किसी टैंकर में नहीं ले जाया जा सकता। इसके लिए खास टैंकर चाहिए होता है। भारत में ऑक्सीजन प्रोडक्शन का काम सबसे ज्यादा पूर्वी भारत में होता है, लेकिन मुश्किल ये कि ज़रूरत सबसे अधिक उत्तर और पश्चिमी भारत में पड़ी। + +लॉजिस्टिक्स की इतनी चुनौतियों से जूझते हुए देश ने युद्धस्तर पर काम किया। देश और दुनिया में दिन-रात जहां से भी संभव हो, वहां से ऑक्सीजन प्लांट्स, ऑक्सीजन टैंकर अरैंज किए गए। स्पेशल ऑक्सीजन ट्रेन चलाई गई, खाली टैंकरों को तेज़ी से पहुंचाने के लिए वायुसेना के विमान लगाए गए। प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए DRDO के माध्यम से तेजस फाइटर प्लेन की टेक्नॉलॉजी को लगाया गया। पीएम केयर्स से देश में PSA ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने पर काम तो तेज हुआ ही,  एक लाख से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के लिए पैसा भी दिया गया। + +भविष्य में कोरोना से लड़ाई के लिए हमारी तैयारी और पुख्ता हो, इसके लिए देशभर में PSA ऑक्सीजन प्लांट्स का नेटवर्क तैयार हो रहा है। बीते कुछ महीनों में पीएम केयर्स द्वारा स्वीकृत 1150 से अधिक ऑक्सीजन प्लांट्स काम करना शुरू कर चुके हैं। अब देश का हर जिला, पीएम केयर्स के तहत बने हुए ऑक्सीजन प्लांट्स से कवर हो गया है। पीएम केयर्स के सहयोग से बने इन ऑक्सीजन प्लांट्स को जोड़ लें, तो केंद्र सरकार, राज्य सरकार, इन सभी के प्रयासों से देश को करीब 4 हज़ार नए ऑक्सीजन प्लांट्स मिलने जा रहे हैं। ऑक्सीजन की चुनौती का मुकाबला करने में अब देश और देश के अस्पताल, पहले से कहीं ज्यादा सक्षम हो रहे हैं। + +ये हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है कि कोरोना वैक्सीन की 93 करोड़ डोज लगाई जा चुकी है। बहुत जल्द हम 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर पाएंगे और पार कर जाएंगे। भारत ने Cowin प्लेटफॉर्म का निर्माण करके पूरी दुनिया को राह दिखाई है कि इतने बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन किया कैसे जाता है। पहाड़ हो या रेगिस्तान, जंगल हो या समंदर, 10 लोग हों या 10 लाख, हर क्षेत्र तक आज हम पूरी सुरक्षा के साथ वैक्सीन पहुंचा रहे हैं। इसके लिए देशभर में 1 लाख 30 हजा�� से ज्यादा टीकाकरण केंद्र स्थापित किए गए हैं। यहां राज्य सरकार के प्रभावी मैनेजमेंट की वजह से उत्तराखंड भी बहुत जल्द शत-प्रतिशत पहली डोज़ का पड़ाव पूरा करने वाला है, और इसके लिए मुख्यमंत्री जी को, उनकी पूरी टीम को, यहां के हर छोटे- मोटे सरकार के साथियों को मैं हृदय से बहुत – बहुत बधाई देता हूं। + +जहां तराई जैसी समतल भूमि है। वहां शायद इन कामों में सरलता रहती है। मैं इस धरती से बहुत जुड़ा रहा। यहां वैक्सीन पहुंचाना भी कितना कठिन होता है। हिमालय के पहाड़ों के उस पार पहुंचकर के लोगों के पास जाना कितना कठिन होता है। ये हम भलि भांति जानते हैं। उसके बावजूद भी इतनी बड़ी सिद्दी प्राप्त करना वाकई आप सब अभिनंदन के अधिकारी हैं। + +स्वास्थ्य सुविधाएं सभी तक पहुंचाने के लिए लास्ट माइल डिलिवरी से जुड़ा एक सशक्त हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर भी बहुत ज़रूरी होता है। 6-7 साल पहले तक सिर्फ कुछ राज्यों तक ही एम्स की सुविधा थी, आज हर राज्य तक एम्स पहुंचाने के लिए काम हो रहा है। 6 एम्स से आगे बढ़कर 22 एम्स का सशक्त नेटवर्क बनाने की तरफ हम तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। सरकार का ये भी लक्ष्य है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो। इसके लिए बीते 7 वर्षों में देश में 170 नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए गए हैं। दर्जनों नए मेडिकल कॉलेज का काम जारी है। यहां मेरे उत्तराखंड में भी रुद्रपुर, हरिद्वार और पिथौरागढ़ में नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है। + +उत्तराखंड की देश की सुरक्षा में बहुत बड़ी भूमिका है। यहां का वीर नौजवान, वीर बेटियां, भारतीय सुरक्षा बलों की आन, बान और शान हैं। हमारी सरकार, हर फौजी, हर पूर्व फौजी के हितों को लेकर भी पूरी गंभीरता से काम कर रही है। ये हमारी ही सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन को लागू करके अपने फौजी भाइयों की 40 साल पुरानी मांग पूरी की। और हमारे धामी जी तो खुद फौजी के बेटे हैं। वो बता भी रहे थे कि वन रैंक वन पैंशन इस फैसले ने, फौजियों को कितनी बड़ी मदद की है। + +यहां उत्तराखंड में युवा ऊर्जा से भरपूर उत्साही टीम है। अगले कुछ वर्ष में उत्तराखंड अपने गठन के 25 वर्ष में प्रवेश करेगा। उत्तराखंड को बहुत निकट भविष्य में 25 वर्ष होने वाले हैं।  तब उत्तराखंड जिस ऊंचाई पर होगा, ये तय करने, उसके लिए जुट जाने का यही समय है, सही समय है। केंद्र में जो सरकार है, वो उत्तराखंड क��� इस नई टीम को, पूरी मदद दे रही है। केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास, यहां के लोगों के सपनों को पूरा करने का बहुत बड़ा आधार हैं। विकास का यही डबल इंजन उत्तराखंड को नई बुलंदी देने वाला है। बाबा केदार की कृपा से, हम हर संकल्प को सिद्ध करें, इसी कामना के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। + +यहां उपस्थित कई महानुभाव इस बात से परिचित हैं, कि ऑक्सीजन के प्रॉडक्शन के साथ ही उसका ट्रांसपोर्टेशन भी कितनी बड़ी चुनौती होता है। ऑक्सीजन ऐसे ही किसी टैंकर में नहीं ले जाया जा सकता। इसके लिए खास टैंकर चाहिए होता है। भारत में ऑक्सीजन प्रोडक्शन का काम सबसे ज्यादा पूर्वी भारत में होता है, लेकिन मुश्किल ये कि ज़रूरत सबसे अधिक उत्तर और पश्चिमी भारत में पड़ी। + +लॉजिस्टिक्स की इतनी चुनौतियों से जूझते हुए देश ने युद्धस्तर पर काम किया। देश और दुनिया में दिन-रात जहां से भी संभव हो, वहां से ऑक्सीजन प्लांट्स, ऑक्सीजन टैंकर अरैंज किए गए। स्पेशल ऑक्सीजन ट्रेन चलाई गई, खाली टैंकरों को तेज़ी से पहुंचाने के लिए वायुसेना के विमान लगाए गए। प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए DRDO के माध्यम से तेजस फाइटर प्लेन की टेक्नॉलॉजी को लगाया गया। पीएम केयर्स से देश में PSA ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने पर काम तो तेज हुआ ही,  एक लाख से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के लिए पैसा भी दिया गया। + +भविष्य में कोरोना से लड़ाई के लिए हमारी तैयारी और पुख्ता हो, इसके लिए देशभर में PSA ऑक्सीजन प्लांट्स का नेटवर्क तैयार हो रहा है। बीते कुछ महीनों में पीएम केयर्स द्वारा स्वीकृत 1150 से अधिक ऑक्सीजन प्लांट्स काम करना शुरू कर चुके हैं। अब देश का हर जिला, पीएम केयर्स के तहत बने हुए ऑक्सीजन प्लांट्स से कवर हो गया है। पीएम केयर्स के सहयोग से बने इन ऑक्सीजन प्लांट्स को जोड़ लें, तो केंद्र सरकार, राज्य सरकार, इन सभी के प्रयासों से देश को करीब 4 हज़ार नए ऑक्सीजन प्लांट्स मिलने जा रहे हैं। ऑक्सीजन की चुनौती का मुकाबला करने में अब देश और देश के अस्पताल, पहले से कहीं ज्यादा सक्षम हो रहे हैं। + +ये हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है कि कोरोना वैक्सीन की 93 करोड़ डोज लगाई जा चुकी है। बहुत जल्द हम 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर पाएंगे और पार कर जाएंगे। भारत ने Cowin प्लेटफॉर्म का निर्माण करके पूरी दुनिया को राह दिखाई है कि इतने बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन किया कैसे जाता है। पहाड़ हो या रेगिस्तान, जंगल हो या समंदर, 10 लोग हों या 10 लाख, हर क्षेत्र तक आज हम पूरी सुरक्षा के साथ वैक्सीन पहुंचा रहे हैं। इसके लिए देशभर में 1 लाख 30 हजार से ज्यादा टीकाकरण केंद्र स्थापित किए गए हैं। यहां राज्य सरकार के प्रभावी मैनेजमेंट की वजह से उत्तराखंड भी बहुत जल्द शत-प्रतिशत पहली डोज़ का पड़ाव पूरा करने वाला है, और इसके लिए मुख्यमंत्री जी को, उनकी पूरी टीम को, यहां के हर छोटे- मोटे सरकार के साथियों को मैं हृदय से बहुत – बहुत बधाई देता हूं। + +जहां तराई जैसी समतल भूमि है। वहां शायद इन कामों में सरलता रहती है। मैं इस धरती से बहुत जुड़ा रहा। यहां वैक्सीन पहुंचाना भी कितना कठिन होता है। हिमालय के पहाड़ों के उस पार पहुंचकर के लोगों के पास जाना कितना कठिन होता है। ये हम भलि भांति जानते हैं। उसके बावजूद भी इतनी बड़ी सिद्दी प्राप्त करना वाकई आप सब अभिनंदन के अधिकारी हैं। + +स्वास्थ्य सुविधाएं सभी तक पहुंचाने के लिए लास्ट माइल डिलिवरी से जुड़ा एक सशक्त हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर भी बहुत ज़रूरी होता है। 6-7 साल पहले तक सिर्फ कुछ राज्यों तक ही एम्स की सुविधा थी, आज हर राज्य तक एम्स पहुंचाने के लिए काम हो रहा है। 6 एम्स से आगे बढ़कर 22 एम्स का सशक्त नेटवर्क बनाने की तरफ हम तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। सरकार का ये भी लक्ष्य है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो। इसके लिए बीते 7 वर्षों में देश में 170 नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए गए हैं। दर्जनों नए मेडिकल कॉलेज का काम जारी है। यहां मेरे उत्तराखंड में भी रुद्रपुर, हरिद्वार और पिथौरागढ़ में नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है। + +उत्तराखंड की देश की सुरक्षा में बहुत बड़ी भूमिका है। यहां का वीर नौजवान, वीर बेटियां, भारतीय सुरक्षा बलों की आन, बान और शान हैं। हमारी सरकार, हर फौजी, हर पूर्व फौजी के हितों को लेकर भी पूरी गंभीरता से काम कर रही है। ये हमारी ही सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन को लागू करके अपने फौजी भाइयों की 40 साल पुरानी मांग पूरी की। और हमारे धामी जी तो खुद फौजी के बेटे हैं। वो बता भी रहे थे कि वन रैंक वन पैंशन इस फैसले ने, फौजियों को कितनी बड़ी मदद की है। + +यहां उत्तराखंड में युवा ऊर्जा से भरपूर उत्साही टीम है। अगले कुछ वर्ष में उत्तराखंड अपने गठन के 25 वर्ष में प्रवेश करेगा। उत्तराखंड को बहुत निकट भविष्य में 25 वर्ष होने वाले हैं।  तब उत्तराखंड जिस ऊंचाई पर होगा, ये तय करने, उसके लिए जुट जाने का यही समय है, सही समय है। केंद्र में जो सरकार है, वो उत्तराखंड की इस नई टीम को, पूरी मदद दे रही है। केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास, यहां के लोगों के सपनों को पूरा करने का बहुत बड़ा आधार हैं। विकास का यही डबल इंजन उत्तराखंड को नई बुलंदी देने वाला है। बाबा केदार की कृपा से, हम हर संकल्प को सिद्ध करें, इसी कामना के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। + +लॉजिस्टिक्स की इतनी चुनौतियों से जूझते हुए देश ने युद्धस्तर पर काम किया। देश और दुनिया में दिन-रात जहां से भी संभव हो, वहां से ऑक्सीजन प्लांट्स, ऑक्सीजन टैंकर अरैंज किए गए। स्पेशल ऑक्सीजन ट्रेन चलाई गई, खाली टैंकरों को तेज़ी से पहुंचाने के लिए वायुसेना के विमान लगाए गए। प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए DRDO के माध्यम से तेजस फाइटर प्लेन की टेक्नॉलॉजी को लगाया गया। पीएम केयर्स से देश में PSA ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने पर काम तो तेज हुआ ही,  एक लाख से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के लिए पैसा भी दिया गया। + +भविष्य में कोरोना से लड़ाई के लिए हमारी तैयारी और पुख्ता हो, इसके लिए देशभर में PSA ऑक्सीजन प्लांट्स का नेटवर्क तैयार हो रहा है। बीते कुछ महीनों में पीएम केयर्स द्वारा स्वीकृत 1150 से अधिक ऑक्सीजन प्लांट्स काम करना शुरू कर चुके हैं। अब देश का हर जिला, पीएम केयर्स के तहत बने हुए ऑक्सीजन प्लांट्स से कवर हो गया है। पीएम केयर्स के सहयोग से बने इन ऑक्सीजन प्लांट्स को जोड़ लें, तो केंद्र सरकार, राज्य सरकार, इन सभी के प्रयासों से देश को करीब 4 हज़ार नए ऑक्सीजन प्लांट्स मिलने जा रहे हैं। ऑक्सीजन की चुनौती का मुकाबला करने में अब देश और देश के अस्पताल, पहले से कहीं ज्यादा सक्षम हो रहे हैं। + +ये हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है कि कोरोना वैक्सीन की 93 करोड़ डोज लगाई जा चुकी है। बहुत जल्द हम 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर पाएंगे और पार कर जाएंगे। भारत ने Cowin प्लेटफॉर्म का निर्माण करके पूरी दुनिया को राह दिखाई है कि इतने बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन किया कैसे जाता है। पहाड़ हो या रेगिस्तान, जंगल हो या समंदर, 10 लोग हों या 10 लाख, हर क्षेत्र तक आज हम पूरी सुरक्षा के साथ वैक्सीन पहुंचा रहे हैं। इसके लिए देशभर में 1 लाख 30 हजार से ज्यादा टीकाकरण केंद्र स्थापित किए गए हैं। यहां राज्य सरकार के प्रभावी मैनेजमेंट की वजह से उत्तराखंड भी बहुत जल्द शत-प्रतिशत पहली डोज़ का पड़ाव पूरा करने वाला है, और इसके लिए मुख्यमंत्री जी को, उनकी पूरी टीम को, यहां के हर छोटे- मोटे सरकार के साथियों को मैं हृदय से बहुत – बहुत बधाई देता हूं। + +जहां तराई जैसी समतल भूमि है। वहां शायद इन कामों में सरलता रहती है। मैं इस धरती से बहुत जुड़ा रहा। यहां वैक्सीन पहुंचाना भी कितना कठिन होता है। हिमालय के पहाड़ों के उस पार पहुंचकर के लोगों के पास जाना कितना कठिन होता है। ये हम भलि भांति जानते हैं। उसके बावजूद भी इतनी बड़ी सिद्दी प्राप्त करना वाकई आप सब अभिनंदन के अधिकारी हैं। + +स्वास्थ्य सुविधाएं सभी तक पहुंचाने के लिए लास्ट माइल डिलिवरी से जुड़ा एक सशक्त हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर भी बहुत ज़रूरी होता है। 6-7 साल पहले तक सिर्फ कुछ राज्यों तक ही एम्स की सुविधा थी, आज हर राज्य तक एम्स पहुंचाने के लिए काम हो रहा है। 6 एम्स से आगे बढ़कर 22 एम्स का सशक्त नेटवर्क बनाने की तरफ हम तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। सरकार का ये भी लक्ष्य है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो। इसके लिए बीते 7 वर्षों में देश में 170 नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए गए हैं। दर्जनों नए मेडिकल कॉलेज का काम जारी है। यहां मेरे उत्तराखंड में भी रुद्रपुर, हरिद्वार और पिथौरागढ़ में नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है। + +उत्तराखंड की देश की सुरक्षा में बहुत बड़ी भूमिका है। यहां का वीर नौजवान, वीर बेटियां, भारतीय सुरक्षा बलों की आन, बान और शान हैं। हमारी सरकार, हर फौजी, हर पूर्व फौजी के हितों को लेकर भी पूरी गंभीरता से काम कर रही है। ये हमारी ही सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन को लागू करके अपने फौजी भाइयों की 40 साल पुरानी मांग पूरी की। और हमारे धामी जी तो खुद फौजी के बेटे हैं। वो बता भी रहे थे कि वन रैंक वन पैंशन इस फैसले ने, फौजियों को कितनी बड़ी मदद की है। + +यहां उत्तराखंड में युवा ऊर्जा से भरपूर उत्साही टीम है। अगले कुछ वर्ष में उत्तराखंड अपने गठन के 25 वर्ष में प्रवेश करेगा। उत्तराखंड को बहुत निकट भविष्य में 25 वर्ष होने वाले हैं।  तब उत्तराखंड जिस ऊंचाई पर होगा, ये तय करने, उसके लिए जुट जाने का यही समय है, सही समय है। केंद्र में जो सरकार है, वो उत्तराखंड की इस नई टीम को, पूरी मदद दे रही है। केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास, यहां के लोगों के सपनों को पूरा करने का बहुत बड़ा आधार हैं। विकास का यही डबल इंजन उत्तराखंड को नई बुलंदी देने वाला है। बाबा केदार की कृपा से, हम हर संकल्प को सिद्ध करें, इसी कामना के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। + +भविष्य में कोरोना से लड़ाई के लिए हमारी तैयारी और पुख्ता हो, इसके लिए देशभर में PSA ऑक्सीजन प्लांट्स का नेटवर्क तैयार हो रहा है। बीते कुछ महीनों में पीएम केयर्स द्वारा स्वीकृत 1150 से अधिक ऑक्सीजन प्लांट्स काम करना शुरू कर चुके हैं। अब देश का हर जिला, पीएम केयर्स के तहत बने हुए ऑक्सीजन प्लांट्स से कवर हो गया है। पीएम केयर्स के सहयोग से बने इन ऑक्सीजन प्लांट्स को जोड़ लें, तो केंद्र सरकार, राज्य सरकार, इन सभी के प्रयासों से देश को करीब 4 हज़ार नए ऑक्सीजन प्लांट्स मिलने जा रहे हैं। ऑक्सीजन की चुनौती का मुकाबला करने में अब देश और देश के अस्पताल, पहले से कहीं ज्यादा सक्षम हो रहे हैं। + +ये हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है कि कोरोना वैक्सीन की 93 करोड़ डोज लगाई जा चुकी है। बहुत जल्द हम 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर पाएंगे और पार कर जाएंगे। भारत ने Cowin प्लेटफॉर्म का निर्माण करके पूरी दुनिया को राह दिखाई है कि इतने बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन किया कैसे जाता है। पहाड़ हो या रेगिस्तान, जंगल हो या समंदर, 10 लोग हों या 10 लाख, हर क्षेत्र तक आज हम पूरी सुरक्षा के साथ वैक्सीन पहुंचा रहे हैं। इसके लिए देशभर में 1 लाख 30 हजार से ज्यादा टीकाकरण केंद्र स्थापित किए गए हैं। यहां राज्य सरकार के प्रभावी मैनेजमेंट की वजह से उत्तराखंड भी बहुत जल्द शत-प्रतिशत पहली डोज़ का पड़ाव पूरा करने वाला है, और इसके लिए मुख्यमंत्री जी को, उनकी पूरी टीम को, यहां के हर छोटे- मोटे सरकार के साथियों को मैं हृदय से बहुत – बहुत बधाई देता हूं। + +जहां तराई जैसी समतल भूमि है। वहां शायद इन कामों में सरलता रहती है। मैं इस धरती से बहुत जुड़ा रहा। यहां वैक्सीन पहुंचाना भी कितना कठिन होता है। हिमालय के पहाड़ों के उस पार पहुंचकर के लोगों के पास जाना कितना कठिन होता है। ये हम भलि भांति जानते हैं। उसके बावजूद भी इतनी बड़ी सिद्दी प्राप्त करना वाकई आप सब अभिनंदन के अधिकारी हैं। + +स्वास्थ्य सुविधाएं सभी तक पहुंचाने के लिए लास्ट माइल डिलिवरी से जुड़ा एक सशक्त हेल्थ इंफ्रास्ट्र���्चर भी बहुत ज़रूरी होता है। 6-7 साल पहले तक सिर्फ कुछ राज्यों तक ही एम्स की सुविधा थी, आज हर राज्य तक एम्स पहुंचाने के लिए काम हो रहा है। 6 एम्स से आगे बढ़कर 22 एम्स का सशक्त नेटवर्क बनाने की तरफ हम तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। सरकार का ये भी लक्ष्य है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो। इसके लिए बीते 7 वर्षों में देश में 170 नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए गए हैं। दर्जनों नए मेडिकल कॉलेज का काम जारी है। यहां मेरे उत्तराखंड में भी रुद्रपुर, हरिद्वार और पिथौरागढ़ में नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है। + +उत्तराखंड की देश की सुरक्षा में बहुत बड़ी भूमिका है। यहां का वीर नौजवान, वीर बेटियां, भारतीय सुरक्षा बलों की आन, बान और शान हैं। हमारी सरकार, हर फौजी, हर पूर्व फौजी के हितों को लेकर भी पूरी गंभीरता से काम कर रही है। ये हमारी ही सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन को लागू करके अपने फौजी भाइयों की 40 साल पुरानी मांग पूरी की। और हमारे धामी जी तो खुद फौजी के बेटे हैं। वो बता भी रहे थे कि वन रैंक वन पैंशन इस फैसले ने, फौजियों को कितनी बड़ी मदद की है। + +यहां उत्तराखंड में युवा ऊर्जा से भरपूर उत्साही टीम है। अगले कुछ वर्ष में उत्तराखंड अपने गठन के 25 वर्ष में प्रवेश करेगा। उत्तराखंड को बहुत निकट भविष्य में 25 वर्ष होने वाले हैं।  तब उत्तराखंड जिस ऊंचाई पर होगा, ये तय करने, उसके लिए जुट जाने का यही समय है, सही समय है। केंद्र में जो सरकार है, वो उत्तराखंड की इस नई टीम को, पूरी मदद दे रही है। केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास, यहां के लोगों के सपनों को पूरा करने का बहुत बड़ा आधार हैं। विकास का यही डबल इंजन उत्तराखंड को नई बुलंदी देने वाला है। बाबा केदार की कृपा से, हम हर संकल्प को सिद्ध करें, इसी कामना के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। + +ये हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है कि कोरोना वैक्सीन की 93 करोड़ डोज लगाई जा चुकी है। बहुत जल्द हम 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर पाएंगे और पार कर जाएंगे। भारत ने Cowin प्लेटफॉर्म का निर्माण करके पूरी दुनिया को राह दिखाई है कि इतने बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन किया कैसे जाता है। पहाड़ हो या रेगिस्तान, जंगल हो या समंदर, 10 लोग हों या 10 लाख, हर क्षेत्र तक आज हम पूरी सुरक्षा के साथ वैक्सीन पहुंचा रहे हैं। इसके लिए देशभर में 1 लाख 30 हजार से ज्यादा टीकाकर�� केंद्र स्थापित किए गए हैं। यहां राज्य सरकार के प्रभावी मैनेजमेंट की वजह से उत्तराखंड भी बहुत जल्द शत-प्रतिशत पहली डोज़ का पड़ाव पूरा करने वाला है, और इसके लिए मुख्यमंत्री जी को, उनकी पूरी टीम को, यहां के हर छोटे- मोटे सरकार के साथियों को मैं हृदय से बहुत – बहुत बधाई देता हूं। + +जहां तराई जैसी समतल भूमि है। वहां शायद इन कामों में सरलता रहती है। मैं इस धरती से बहुत जुड़ा रहा। यहां वैक्सीन पहुंचाना भी कितना कठिन होता है। हिमालय के पहाड़ों के उस पार पहुंचकर के लोगों के पास जाना कितना कठिन होता है। ये हम भलि भांति जानते हैं। उसके बावजूद भी इतनी बड़ी सिद्दी प्राप्त करना वाकई आप सब अभिनंदन के अधिकारी हैं। + +स्वास्थ्य सुविधाएं सभी तक पहुंचाने के लिए लास्ट माइल डिलिवरी से जुड़ा एक सशक्त हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर भी बहुत ज़रूरी होता है। 6-7 साल पहले तक सिर्फ कुछ राज्यों तक ही एम्स की सुविधा थी, आज हर राज्य तक एम्स पहुंचाने के लिए काम हो रहा है। 6 एम्स से आगे बढ़कर 22 एम्स का सशक्त नेटवर्क बनाने की तरफ हम तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। सरकार का ये भी लक्ष्य है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो। इसके लिए बीते 7 वर्षों में देश में 170 नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए गए हैं। दर्जनों नए मेडिकल कॉलेज का काम जारी है। यहां मेरे उत्तराखंड में भी रुद्रपुर, हरिद्वार और पिथौरागढ़ में नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है। + +उत्तराखंड की देश की सुरक्षा में बहुत बड़ी भूमिका है। यहां का वीर नौजवान, वीर बेटियां, भारतीय सुरक्षा बलों की आन, बान और शान हैं। हमारी सरकार, हर फौजी, हर पूर्व फौजी के हितों को लेकर भी पूरी गंभीरता से काम कर रही है। ये हमारी ही सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन को लागू करके अपने फौजी भाइयों की 40 साल पुरानी मांग पूरी की। और हमारे धामी जी तो खुद फौजी के बेटे हैं। वो बता भी रहे थे कि वन रैंक वन पैंशन इस फैसले ने, फौजियों को कितनी बड़ी मदद की है। + +यहां उत्तराखंड में युवा ऊर्जा से भरपूर उत्साही टीम है। अगले कुछ वर्ष में उत्तराखंड अपने गठन के 25 वर्ष में प्रवेश करेगा। उत्तराखंड को बहुत निकट भविष्य में 25 वर्ष होने वाले हैं।  तब उत्तराखंड जिस ऊंचाई पर होगा, ये तय करने, उसके लिए जुट जाने का यही समय है, सही समय है। केंद्र में जो सरकार है, वो उत्तराखंड की इस नई टीम को, पूरी मदद दे रही है। केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास, यहां के लोगों के सपनों को पूरा करने का बहुत बड़ा आधार हैं। विकास का यही डबल इंजन उत्तराखंड को नई बुलंदी देने वाला है। बाबा केदार की कृपा से, हम हर संकल्प को सिद्ध करें, इसी कामना के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। + +जहां तराई जैसी समतल भूमि है। वहां शायद इन कामों में सरलता रहती है। मैं इस धरती से बहुत जुड़ा रहा। यहां वैक्सीन पहुंचाना भी कितना कठिन होता है। हिमालय के पहाड़ों के उस पार पहुंचकर के लोगों के पास जाना कितना कठिन होता है। ये हम भलि भांति जानते हैं। उसके बावजूद भी इतनी बड़ी सिद्दी प्राप्त करना वाकई आप सब अभिनंदन के अधिकारी हैं। + +स्वास्थ्य सुविधाएं सभी तक पहुंचाने के लिए लास्ट माइल डिलिवरी से जुड़ा एक सशक्त हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर भी बहुत ज़रूरी होता है। 6-7 साल पहले तक सिर्फ कुछ राज्यों तक ही एम्स की सुविधा थी, आज हर राज्य तक एम्स पहुंचाने के लिए काम हो रहा है। 6 एम्स से आगे बढ़कर 22 एम्स का सशक्त नेटवर्क बनाने की तरफ हम तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। सरकार का ये भी लक्ष्य है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो। इसके लिए बीते 7 वर्षों में देश में 170 नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए गए हैं। दर्जनों नए मेडिकल कॉलेज का काम जारी है। यहां मेरे उत्तराखंड में भी रुद्रपुर, हरिद्वार और पिथौरागढ़ में नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है। + +उत्तराखंड की देश की सुरक्षा में बहुत बड़ी भूमिका है। यहां का वीर नौजवान, वीर बेटियां, भारतीय सुरक्षा बलों की आन, बान और शान हैं। हमारी सरकार, हर फौजी, हर पूर्व फौजी के हितों को लेकर भी पूरी गंभीरता से काम कर रही है। ये हमारी ही सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन को लागू करके अपने फौजी भाइयों की 40 साल पुरानी मांग पूरी की। और हमारे धामी जी तो खुद फौजी के बेटे हैं। वो बता भी रहे थे कि वन रैंक वन पैंशन इस फैसले ने, फौजियों को कितनी बड़ी मदद की है। + +यहां उत्तराखंड में युवा ऊर्जा से भरपूर उत्साही टीम है। अगले कुछ वर्ष में उत्तराखंड अपने गठन के 25 वर्ष में प्रवेश करेगा। उत्तराखंड को बहुत निकट भविष्य में 25 वर्ष होने वाले हैं।  तब उत्तराखंड जिस ऊंचाई पर होगा, ये तय करने, उसके लिए जुट जाने का यही समय है, सही समय है। केंद्र में जो सरकार है, वो उत्तराखंड की इस नई टीम को, पूरी मदद दे र��ी है। केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास, यहां के लोगों के सपनों को पूरा करने का बहुत बड़ा आधार हैं। विकास का यही डबल इंजन उत्तराखंड को नई बुलंदी देने वाला है। बाबा केदार की कृपा से, हम हर संकल्प को सिद्ध करें, इसी कामना के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। + +स्वास्थ्य सुविधाएं सभी तक पहुंचाने के लिए लास्ट माइल डिलिवरी से जुड़ा एक सशक्त हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर भी बहुत ज़रूरी होता है। 6-7 साल पहले तक सिर्फ कुछ राज्यों तक ही एम्स की सुविधा थी, आज हर राज्य तक एम्स पहुंचाने के लिए काम हो रहा है। 6 एम्स से आगे बढ़कर 22 एम्स का सशक्त नेटवर्क बनाने की तरफ हम तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। सरकार का ये भी लक्ष्य है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो। इसके लिए बीते 7 वर्षों में देश में 170 नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए गए हैं। दर्जनों नए मेडिकल कॉलेज का काम जारी है। यहां मेरे उत्तराखंड में भी रुद्रपुर, हरिद्वार और पिथौरागढ़ में नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है। + +उत्तराखंड की देश की सुरक्षा में बहुत बड़ी भूमिका है। यहां का वीर नौजवान, वीर बेटियां, भारतीय सुरक्षा बलों की आन, बान और शान हैं। हमारी सरकार, हर फौजी, हर पूर्व फौजी के हितों को लेकर भी पूरी गंभीरता से काम कर रही है। ये हमारी ही सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन को लागू करके अपने फौजी भाइयों की 40 साल पुरानी मांग पूरी की। और हमारे धामी जी तो खुद फौजी के बेटे हैं। वो बता भी रहे थे कि वन रैंक वन पैंशन इस फैसले ने, फौजियों को कितनी बड़ी मदद की है। + +यहां उत्तराखंड में युवा ऊर्जा से भरपूर उत्साही टीम है। अगले कुछ वर्ष में उत्तराखंड अपने गठन के 25 वर्ष में प्रवेश करेगा। उत्तराखंड को बहुत निकट भविष्य में 25 वर्ष होने वाले हैं।  तब उत्तराखंड जिस ऊंचाई पर होगा, ये तय करने, उसके लिए जुट जाने का यही समय है, सही समय है। केंद्र में जो सरकार है, वो उत्तराखंड की इस नई टीम को, पूरी मदद दे रही है। केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास, यहां के लोगों के सपनों को पूरा करने का बहुत बड़ा आधार हैं। विकास का यही डबल इंजन उत्तराखंड को नई बुलंदी देने वाला है। बाबा केदार की कृपा से, हम हर संकल्प को सिद्ध करें, इसी कामना के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। + +स्वास्थ्य सुविधाएं सभी तक पहुंचाने के लिए लास्ट माइल डिलिवरी से जुड़ा एक सश��्त हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर भी बहुत ज़रूरी होता है। 6-7 साल पहले तक सिर्फ कुछ राज्यों तक ही एम्स की सुविधा थी, आज हर राज्य तक एम्स पहुंचाने के लिए काम हो रहा है। 6 एम्स से आगे बढ़कर 22 एम्स का सशक्त नेटवर्क बनाने की तरफ हम तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। सरकार का ये भी लक्ष्य है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो। इसके लिए बीते 7 वर्षों में देश में 170 नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए गए हैं। दर्जनों नए मेडिकल कॉलेज का काम जारी है। यहां मेरे उत्तराखंड में भी रुद्रपुर, हरिद्वार और पिथौरागढ़ में नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है। + +उत्तराखंड की देश की सुरक्षा में बहुत बड़ी भूमिका है। यहां का वीर नौजवान, वीर बेटियां, भारतीय सुरक्षा बलों की आन, बान और शान हैं। हमारी सरकार, हर फौजी, हर पूर्व फौजी के हितों को लेकर भी पूरी गंभीरता से काम कर रही है। ये हमारी ही सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन को लागू करके अपने फौजी भाइयों की 40 साल पुरानी मांग पूरी की। और हमारे धामी जी तो खुद फौजी के बेटे हैं। वो बता भी रहे थे कि वन रैंक वन पैंशन इस फैसले ने, फौजियों को कितनी बड़ी मदद की है। + +यहां उत्तराखंड में युवा ऊर्जा से भरपूर उत्साही टीम है। अगले कुछ वर्ष में उत्तराखंड अपने गठन के 25 वर्ष में प्रवेश करेगा। उत्तराखंड को बहुत निकट भविष्य में 25 वर्ष होने वाले हैं।  तब उत्तराखंड जिस ऊंचाई पर होगा, ये तय करने, उसके लिए जुट जाने का यही समय है, सही समय है। केंद्र में जो सरकार है, वो उत्तराखंड की इस नई टीम को, पूरी मदद दे रही है। केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास, यहां के लोगों के सपनों को पूरा करने का बहुत बड़ा आधार हैं। विकास का यही डबल इंजन उत्तराखंड को नई बुलंदी देने वाला है। बाबा केदार की कृपा से, हम हर संकल्प को सिद्ध करें, इसी कामना के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। + +स्वास्थ्य सुविधाएं सभी तक पहुंचाने के लिए लास्ट माइल डिलिवरी से जुड़ा एक सशक्त हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर भी बहुत ज़रूरी होता है। 6-7 साल पहले तक सिर्फ कुछ राज्यों तक ही एम्स की सुविधा थी, आज हर राज्य तक एम्स पहुंचाने के लिए काम हो रहा है। 6 एम्स से आगे बढ़कर 22 एम्स का सशक्त नेटवर्क बनाने की तरफ हम तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। सरकार का ये भी लक्ष्य है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो। इसके लिए बीते 7 वर्षो�� में देश में 170 नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए गए हैं। दर्जनों नए मेडिकल कॉलेज का काम जारी है। यहां मेरे उत्तराखंड में भी रुद्रपुर, हरिद्वार और पिथौरागढ़ में नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है। + +उत्तराखंड की देश की सुरक्षा में बहुत बड़ी भूमिका है। यहां का वीर नौजवान, वीर बेटियां, भारतीय सुरक्षा बलों की आन, बान और शान हैं। हमारी सरकार, हर फौजी, हर पूर्व फौजी के हितों को लेकर भी पूरी गंभीरता से काम कर रही है। ये हमारी ही सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन को लागू करके अपने फौजी भाइयों की 40 साल पुरानी मांग पूरी की। और हमारे धामी जी तो खुद फौजी के बेटे हैं। वो बता भी रहे थे कि वन रैंक वन पैंशन इस फैसले ने, फौजियों को कितनी बड़ी मदद की है। + +यहां उत्तराखंड में युवा ऊर्जा से भरपूर उत्साही टीम है। अगले कुछ वर्ष में उत्तराखंड अपने गठन के 25 वर्ष में प्रवेश करेगा। उत्तराखंड को बहुत निकट भविष्य में 25 वर्ष होने वाले हैं।  तब उत्तराखंड जिस ऊंचाई पर होगा, ये तय करने, उसके लिए जुट जाने का यही समय है, सही समय है। केंद्र में जो सरकार है, वो उत्तराखंड की इस नई टीम को, पूरी मदद दे रही है। केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास, यहां के लोगों के सपनों को पूरा करने का बहुत बड़ा आधार हैं। विकास का यही डबल इंजन उत्तराखंड को नई बुलंदी देने वाला है। बाबा केदार की कृपा से, हम हर संकल्प को सिद्ध करें, इसी कामना के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। + +उत्तराखंड की देश की सुरक्षा में बहुत बड़ी भूमिका है। यहां का वीर नौजवान, वीर बेटियां, भारतीय सुरक्षा बलों की आन, बान और शान हैं। हमारी सरकार, हर फौजी, हर पूर्व फौजी के हितों को लेकर भी पूरी गंभीरता से काम कर रही है। ये हमारी ही सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन को लागू करके अपने फौजी भाइयों की 40 साल पुरानी मांग पूरी की। और हमारे धामी जी तो खुद फौजी के बेटे हैं। वो बता भी रहे थे कि वन रैंक वन पैंशन इस फैसले ने, फौजियों को कितनी बड़ी मदद की है। + +यहां उत्तराखंड में युवा ऊर्जा से भरपूर उत्साही टीम है। अगले कुछ वर्ष में उत्तराखंड अपने गठन के 25 वर्ष में प्रवेश करेगा। उत्तराखंड को बहुत निकट भविष्य में 25 वर्ष होने वाले हैं।  तब उत्तराखंड जिस ऊंचाई पर होगा, ये तय करने, उसके लिए जुट जाने का यही समय है, सही समय है। केंद्र में जो सरकार है, वो उत्तराखंड की इस नई टीम को, पूरी मदद दे रही है। केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास, यहां के लोगों के सपनों को पूरा करने का बहुत बड़ा आधार हैं। विकास का यही डबल इंजन उत्तराखंड को नई बुलंदी देने वाला है। बाबा केदार की कृपा से, हम हर संकल्प को सिद्ध करें, इसी कामना के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। + +उत्तराखंड की देश की सुरक्षा में बहुत बड़ी भूमिका है। यहां का वीर नौजवान, वीर बेटियां, भारतीय सुरक्षा बलों की आन, बान और शान हैं। हमारी सरकार, हर फौजी, हर पूर्व फौजी के हितों को लेकर भी पूरी गंभीरता से काम कर रही है। ये हमारी ही सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन को लागू करके अपने फौजी भाइयों की 40 साल पुरानी मांग पूरी की। और हमारे धामी जी तो खुद फौजी के बेटे हैं। वो बता भी रहे थे कि वन रैंक वन पैंशन इस फैसले ने, फौजियों को कितनी बड़ी मदद की है। + +यहां उत्तराखंड में युवा ऊर्जा से भरपूर उत्साही टीम है। अगले कुछ वर्ष में उत्तराखंड अपने गठन के 25 वर्ष में प्रवेश करेगा। उत्तराखंड को बहुत निकट भविष्य में 25 वर्ष होने वाले हैं।  तब उत्तराखंड जिस ऊंचाई पर होगा, ये तय करने, उसके लिए जुट जाने का यही समय है, सही समय है। केंद्र में जो सरकार है, वो उत्तराखंड की इस नई टीम को, पूरी मदद दे रही है। केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास, यहां के लोगों के सपनों को पूरा करने का बहुत बड़ा आधार हैं। विकास का यही डबल इंजन उत्तराखंड को नई बुलंदी देने वाला है। बाबा केदार की कृपा से, हम हर संकल्प को सिद्ध करें, इसी कामना के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। + +उत्तराखंड की देश की सुरक्षा में बहुत बड़ी भूमिका है। यहां का वीर नौजवान, वीर बेटियां, भारतीय सुरक्षा बलों की आन, बान और शान हैं। हमारी सरकार, हर फौजी, हर पूर्व फौजी के हितों को लेकर भी पूरी गंभीरता से काम कर रही है। ये हमारी ही सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन को लागू करके अपने फौजी भाइयों की 40 साल पुरानी मांग पूरी की। और हमारे धामी जी तो खुद फौजी के बेटे हैं। वो बता भी रहे थे कि वन रैंक वन पैंशन इस फैसले ने, फौजियों को कितनी बड़ी मदद की है। + +यहां उत्तराखंड में युवा ऊर्जा से भरपूर उत्साही टीम है। अगले कुछ वर्ष में उत्तराखंड अपने गठन के 25 वर्ष में प्रवेश करेगा। उत्तराखंड को बहुत निकट भविष्य में 25 वर्ष होने वाले हैं।  तब उत्तराखंड जिस ऊंचाई पर होगा, ये तय करने, उसके लिए जुट जाने का यही समय है, सही समय है। केंद्र में जो सरकार है, वो उत्तराखंड की इस नई टीम को, पूरी मदद दे रही है। केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास, यहां के लोगों के सपनों को पूरा करने का बहुत बड़ा आधार हैं। विकास का यही डबल इंजन उत्तराखंड को नई बुलंदी देने वाला है। बाबा केदार की कृपा से, हम हर संकल्प को सिद्ध करें, इसी कामना के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। + +यहां उत्तराखंड में युवा ऊर्जा से भरपूर उत्साही टीम है। अगले कुछ वर्ष में उत्तराखंड अपने गठन के 25 वर्ष में प्रवेश करेगा। उत्तराखंड को बहुत निकट भविष्य में 25 वर्ष होने वाले हैं।  तब उत्तराखंड जिस ऊंचाई पर होगा, ये तय करने, उसके लिए जुट जाने का यही समय है, सही समय है। केंद्र में जो सरकार है, वो उत्तराखंड की इस नई टीम को, पूरी मदद दे रही है। केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास, यहां के लोगों के सपनों को पूरा करने का बहुत बड़ा आधार हैं। विकास का यही डबल इंजन उत्तराखंड को नई बुलंदी देने वाला है। बाबा केदार की कृपा से, हम हर संकल्प को सिद्ध करें, इसी कामना के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। + +यहां उत्तराखंड में युवा ऊर्जा से भरपूर उत्साही टीम है। अगले कुछ वर्ष में उत्तराखंड अपने गठन के 25 वर्ष में प्रवेश करेगा। उत्तराखंड को बहुत निकट भविष्य में 25 वर्ष होने वाले हैं।  तब उत्तराखंड जिस ऊंचाई पर होगा, ये तय करने, उसके लिए जुट जाने का यही समय है, सही समय है। केंद्र में जो सरकार है, वो उत्तराखंड की इस नई टीम को, पूरी मदद दे रही है। केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास, यहां के लोगों के सपनों को पूरा करने का बहुत बड़ा आधार हैं। विकास का यही डबल इंजन उत्तराखंड को नई बुलंदी देने वाला है। बाबा केदार की कृपा से, हम हर संकल्प को सिद्ध करें, इसी कामना के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। + +यहां उत्तराखंड में युवा ऊर्जा से भरपूर उत्साही टीम है। अगले कुछ वर्ष में उत्तराखंड अपने गठन के 25 वर्ष में प्रवेश करेगा। उत्तराखंड को बहुत निकट भविष्य में 25 वर्ष होने वाले हैं।  तब उत्तराखंड जिस ऊंचाई पर होगा, ये तय करने, उसके लिए जुट जाने का यही समय है, सही समय है। केंद्र में जो सरकार है, वो उत्तराखंड की इस नई टीम को, पूरी मदद दे रही है। केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास, यहां के लोगों के सपनों को पूरा करने का बहुत बड़ा आधार हैं। विकास का यही डबल इंजन उत्तराखंड को नई बुलंदी देने वाला है। बाबा केदार की कृपा से, हम हर संकल्प को सिद्ध करें, इसी कामना के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। + +यहां उत्तराखंड में युवा ऊर्जा से भरपूर उत्साही टीम है। अगले कुछ वर्ष में उत्तराखंड अपने गठन के 25 वर्ष में प्रवेश करेगा। उत्तराखंड को बहुत निकट भविष्य में 25 वर्ष होने वाले हैं।  तब उत्तराखंड जिस ऊंचाई पर होगा, ये तय करने, उसके लिए जुट जाने का यही समय है, सही समय है। केंद्र में जो सरकार है, वो उत्तराखंड की इस नई टीम को, पूरी मदद दे रही है। केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास, यहां के लोगों के सपनों को पूरा करने का बहुत बड़ा आधार हैं। विकास का यही डबल इंजन उत्तराखंड को नई बुलंदी देने वाला है। बाबा केदार की कृपा से, हम हर संकल्प को सिद्ध करें, इसी कामना के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। +