इस्पात मंत्री चौधरी बिरेंद्र सिंह ने आज दुर्गापुर में मिश्र धातु इस्पात संयंत्र (एएसपी) का दौरा किया। एएसपी के प्रदर्शन की समीक्षा के बाद मंत्री ने कहा कि एएसपी अब परिचालन और वित्तीय दोनों मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन दर्ज कर रहा है। चौधरी बिरेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि यह संयंत्र अगले वर्ष से शुद्ध लाभ अर्जित करने के लिए तैयार है।एएसपी का उत्‍पाद पोर्टफोलियो काफी विविधतापूर्ण है उसमें इस्‍पात संयंत्रों के अलावा रक्षा, रेलवे, वाहन, बिजली संयंत्र, भारी इंजीनियरिंग एवं विनिर्माण उद्योग जैसे रणनीतिक क्षेत्रों के 400 से अधिक महत्वपूर्ण उत्‍पाद शामिल हैं। मिश्र धातु एवं विशेष इस्‍पात के उत्पादन में भारत की आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए एएसपी की स्थापना 1965 में हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड (अब सेल) के तहत की गई थी।इस्पात मंत्री ने दुर्गापुर इस्‍पात संयंत्र (डीएसपी) का भी दौरा किया। उन्होंने कहा कि 2030-31 तक 300 एमटी इस्‍पात बनाने की राष्ट्रीय इस्पात नीति के अनुरूप डीएसपी की विकास योजना तैयार की गई है और सेल की योजना उत्पादन को 50 टन तक बढ़ाने की है। उन्होंने कहा कि सेल को कहीं अधिक लाभप्रद होना चाहिए और उसे बाजार में अपनी अग्रणी की स्थिति को बनाए रखना चाहिए। संयंत्र के मुद्दों के अलावा चौधरी बिरेंदर सिंह ने टाउनशिप में विकास और डीएसपी मुख्य अस्पताल में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने की आवश्यकता के बारे में भी बात की।दुर्गापुर इस्‍पात संयंत्र की स्थापना पचास के दशक में 1 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) कच्चे स्टील की प्रारंभिक उत्पादन क्षमता के साथ की गई थी। नब्बे के दशक में आखिरी आधुनिकीकरण के दौरान उसकी उत्‍पादन क्षमता को 1.8 एमटीपीए तक बढ़ाया गया था। डीएसपी फिलहाल अपनी आधुनिकीकरण एवं विस्‍तार योजना (चरण -1) को लागू कर रहा है। इसका उद्देश्‍य मूल्‍यवर्द्धित रोल्‍ड उत्‍पाद तैयार करना है। पहला चरण पूरा होने के बाद डीएसपी की क्षमता हॉट मेटल में बढ़कर 2.40 एमटीपीए, कच्‍चे इस्‍पात में 2.20 एमटीपीए और बिक्री योग्‍य इस्‍पात में 2.12 एमटीपीए हो जाएगी।इस्पात मंत्री चौधरी बिरेंदर सिंह ने कल सालेम इस्‍पात संयंत्र का दौरा किया और उसके प्रदर्शन की समीक्षा की। उन्होंने इस संयंत्र को लाभप्रद बनाने के तरीकों और साधनों पर अधिकारियों के साथ चर्चा की क्योंकि पिछले 10 वर्षों से इस संयंत्र को सालाना करीब 200 करोड़ रूपये का नुकसान हो रहा है। हालांकि इस साल घाटे में कमी आई है और उसमें 20% से अधिक की कमी आ सकती है।तमिलनाडु के सालेम और पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में तीन इस्‍पात संयंत्रों के मंत्री के दौरे के दौरान सेल के चेयरमैन और संयुक्त सचिव, इस्पात उनके साथ थे।आर.के.मीणा/एएम/एस-11562