मेरे प्यारे देशवासियो, हर बार की तरह इस बार भी मुझे आप सबके सारे पत्र,email, phone-call और comments बहुत बड़ी मात्रा में मिले हैं। कोमल ठक्कर जी ने MyGovपर – आपने संस्कृत के on-line courses शुरू करने के बारे में जो लिखा वो मैंने पढ़ा।IT professional होने के साथ-साथ, संस्कृत के प्रति आपका प्रेम देखकर बहुत अच्छा लगा।मैंने सम्बंधित विभाग से इस ओर हो रहे प्रयासों की जानकारी आप तक पहुँचाने के लिए कहा है। ‘मन की बात’ के श्रोता जो संस्कृत को लेकर कार्यकरते हैं, मैं उनसे भी अनुरोध करूंगा कि इस पर विचार करें कि कोमल जी के सुझाव को कैसे आगे बढ़ाया जाए। श्रीमान शकल शास्त्री जी, कर्नाटक – आपने शब्दों के बहुत ही सुन्दर तालमेल के साथ लिखा कि ‘आयुष्मान भारत’ तभी होगा जब ‘आयुष्मान भूमि’ होगी और ‘आयुष्मान भूमि’ तभी होगी जब हम इस भूमि पर रहने वाले प्रत्येक प्राणी की चिंता करेंगे।आपने गर्मियों में पशु-पक्षियों के लिए पानी रखने के लिए भी सभी से आग्रह किया है। शकल जी, आपकी भावनाओं को मैंने सभी श्रोताओं तक पहुँचा दिया है। श्रीमान योगेश भद्रेशा जी, उनका कहना है कि मैं इस बार युवाओं से उनके स्वास्थ्य के बारे में बात करूँ। उन्हें लगता है कि Asian countries में तुलना करें तो हमारे युवा physically weak हैं। योगेश जी, मैंने सोचा है कि इस बार health को लेकर के सभी के साथ विस्तार से बात करूँ -Fit India की बात करूँ। और आप सब नौजवान मिल करके Fit India काmovement भी चला सकते हैं। Chennai से अनघा, जयेशऔर बहुत सारे बच्चों ने Exam Warrior पुस्तक के पीछे जो gratitude cards दिए हैं उन पर उन्होंने, अपने दिल में जो विचार आये, वो लिख कर मुझे ही भेज दिए हैं। अनघा, जयेश,मैं आप सब बच्चों को बताना चाहता हूँ कि आपके इन पत्रों से मेरे दिनभर की थकान छू-मन्तर हो जाती है। इतने सारे पत्र, इतने सारे phone call, comments,इनमें से जो कुछ भी मैं पढ़ पाया, जो भी मैं सुन पाया और उसमें से बहुत सी चीजें हैं जो मेरे मन को छू गयी – सिर्फ़ उनके बारे में ही बात करूँ तो भी शायद महीनों तक मुझे लगातार कुछ-न-कुछ कहते ही जाना पड़ेगा। मेरे प्यारे देशवासियो,इस वर्ष महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती-वर्ष के महोत्सव की शुरुआत होगी। यह एक ऐतिहासिक अवसर है। देश कैसे यह उत्सव मनाये? स्वच्छ भारत तो हमारा संकल्प है ही, इसके अलावा सवा-सौ करोड़ देशवासी कंधे-से-कंधा मिलाकर कैसे गाँधी जी को उत्तम-से-उत्तम श्रद्धांजलि दे सकते हैं? क्या नये-नये कार्यक्रम किये जा सकते हैं? क्या नये-नये तौर-तरीक़े अपनाए जा सकते हैं? आप सबसे मेरा आग्रह है, आप MyGovके माध्यम से इस पर अपने विचार सबके साथ share करें।‘गाँधी 150’ का logo क्या हो? sloganया मंत्र या घोष-वाक्य क्या हो? इस बारे में आप अपने सुझाव दें। हम सबको मिलकर बापू को एक यादगार श्रद्धांजलि देनी है और बापू को स्मरण करके उनसे प्रेरणा लेकर के हमारे देश को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाना है। धन्यवाद, आपने सही कहा है और मैं मानता हूँ कि स्वच्छ भारत और स्वस्थ भारत दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में आज देश conventional approach से आगे बढ़ चुका है। देश में स्वास्थ्य से जुड़ा हर काम जहाँ पहले सिर्फ Health Ministry की ज़िम्मेदारी होती थी, वहीं अब सारे विभाग और मंत्रालय चाहे वो स्वच्छता-मंत्रालय हो, आयुष-मंत्रालय हो, Ministry of Chemicals and Fertilizersहो, उपभोक्ता -मंत्रालय हो या महिला एवं बाल विकास मंत्रालय हो या तो राज्य सरकारें हों – साथ मिलकर स्वस्थ-भारत के लिए काम कर रहे हैं और preventive health के साथ-साथ affordable health के ऊपर ज़ोर दिया जा रहा है।Preventive health-care सबसे सस्ता भी है और सबसे आसान भी है।और हम लोग,preventive health-care के लिए जितना जागरूक होंगें उतना व्यक्ति को भी, परिवार को भी और समाज को भी लाभ होगा। जीवन स्वस्थ हो इसके लिए पहली आवश्यकता है – स्वच्छता। हम सबने एक देश के रूप में बीड़ा उठाया और इसका परिणाम यह आया कि पिछले लगभग 4 सालों में sanitation coverage दोगुना होकर करीब-करीब 80प्रतिशत (80%)हो चुका है। इसके अलावा, देश-भर में Health Wellness Centresबनाने की दिशा में व्यापक स्तर पर काम हो रहा है।Preventive health-care के रूप में योग ने, नये सिरे से दुनिया-भर में अपनी पहचान बनाई है। योग,fitness और wellness दोनों की गारंटी देता है। यह हम सबके commitment का ही परिणाम है कि योग आज एक mass movement बन चुका है, घर-घर पहुँच चुका है। इस बार के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून – इसके बीच 100 दिन से भी कम दिन बचे हैं। पिछले तीन अंतर्राष्ट्रीय योग दिवसों पर देश और दुनिया के हर जगह, लोगों ने काफी उत्साह से इसमें भाग लिया। इस बार भी हमें सुनिश्चित करना है कि हम स्वयं योग करें और पूरे परिवार, मित्रों, सभी को, योग के लिए अभी से प्रेरित करें। नए रोचक तरीक़ों से योग को बच्चों में, युवाओं में, senior citizensमें – सभी आयु-वर्ग में, पुरुष होया महिला, हर किसी में popular करना है।वैसे तो देश का TV और electronic media साल-भर योग को लेकर अलग-अलग कार्यक्रम करता ही है, पर क्या अभी से लेकर योग दिवस तक – एक अभियान के रूप में योग के प्रति जागरूकता पैदा कर सकते हैं ?