साथियो, मैं आप सबसे आग्रह करता हूँ, आपको अगर कोई भी जानकारी चाहिए हो, कोई और आशंका हो, तो सही source से ही जानकारी लें । आपके जो family doctor हों, आस-पास के जो डॉक्टर्स हों, आप उनसे फ़ोन से संपर्क करके सलाह लीजिये । मैं देख रहा हूँ कि हमारे बहुत से डॉक्टर खुद भी ये जिम्मेदारी उठा रहे हैं । कई Doctors social media के जरिए लोगों को जानकारी दे रहे हैं । फ़ोन पर, whatsapp पर भी counseling कर रहे हैं । कई हॉस्पिटल की वेबसाइटें हैं, जहां जानकारियाँ भी उपलब्ध हैं, और वहां आप डॉक्टर्स से, परामर्श भी ले सकते हैं । ये बहुत सराहनीय है । मेरे साथ श्रीनगर से डॉक्टर नावीद नजीर शाह जुड़ रहे हैं । डॉक्टर नावीद श्रीनगर के एक Government medical College में प्रोफेसर हैं । नावीद जी अपनी देखरेख में अनेकों कोरोना patients को ठीक कर चुके हैं और रमजान के इस पवित्र माह में डॉ नावीद अपना कार्य भी निभा रहे हैं, और, उन्होंने हमसे बातचीत के लिए समय भी निकाला है । आइये उन्हीं से बात करते हैं । डॉ० नावीद- देखिए जब कोरोना शुरू हुआ तो कश्मीर में जो सबसे पहला hospital designate हुआ As Covid hospital वो हमारा city hospital था । जो medical collage के under  में आता है तो उस टाइम एक खौफ़ का माहौल   था । लोगो में तो था ही वो समझते थे शायद  covid का  infection अगर किसी को हो जाता है तो death sentence  माना जायेगा ये, और ऐसे में हमारे हस्पताल में डॉक्टर साहिबान या para-medical staff  काम करते थे, उनमें भी एक खौफ़ का माहौल था कि हम इन patient को कैसे  face करेंगे हमें infection होने का ख़तरा तो नहीं है । लेकिन जो टाइम गुजरा हमने भी देखा कि अगर पूरी तरीके से हम जो protective gear पहने एतिहादी तदवीर जो है, उन पर अमल करें तो हम भी  safe रह सकते हैं और हमारा जो बाकी staff  है वो भी  safe रह सकता है और आगे-आगे हम देखते गये मरीज या कुछ लोग बीमार थे जो asymptomatic, जिनमें बीमारी के कोई लक्षण नहीं थे । हमने देखा करीब करीब 90-95% से ज्यादा जो मरीज हैं वो without in medication  भी ठीक हो जाते हैं तो वक्त जैसे गुजरता गया लोगों में जो कोरोना का एक डर था वो बहुत कम हो गया । आज की बात जो ये  second wave  जो इस टाइम हमारी आयी है इस कोरोना में इस टाइम भी हमें  panic होने की जरूरत नहीं है । इस मौके पर भी जो protective measures है, जो SOPs है अगर उन पर हम अमल करेंगें जैसे मास्क पहनना, hand sanitizer का use करना, उसके अलावा  physical distance maintain करना या  social gathering avoid करे तो हम अपना रोजमर्रा का काम भी बखूबी निभा सकते हैं और इस बीमारी से  protection भी पा सकते हैं । डॉ० नावीद – जब हम कोरोना का infection सामने आया तब से आज तक हमारे पास covid 19 के लिए कोई effective treatment available नहीं है, तो हम इस बीमारी को fight, दो ही चीजों से कर सकते हैं एक तो protective  major और हम पहले से ही कह रहे थे कि अगर कोई effective vaccine हमारे पास आए तो वो हमें इस बीमारी से निजाद दिला सकता है और हमारे मुल्क में दो  vaccine इस टाइम available है, Covaxin and Covishield है जो यहीं पर बना हुआ vaccine है । और companies भी जो अपनी  trials की है तो उसमे भी देखा गया है कि  इसकी efficacy जो है वो 60%  से ज्यादा है, और अगर हम, जम्मू कश्मीर की बात करें तो हमारी UT में अभी तक 15 से 16 लाख तक लोगों ने अभी ये  vaccine  लगाया है । हां  social media में काफी इसके जो misconception या myths हैं, इसमें आये थे कि ये-ये side effect हैं, अभी तक हमारे जो भी यहाँ पर vaccine लगे हैं कोई side effect उनमें नहीं पाया गया है । सिर्फ, जो, आम हर किसी vaccine के साथ,  associated  होता है, किसी को बुखार आना, पूरे बदन में दर्द या local site जहाँ पर injection  लगता है  वहा पर pain होना ऐसे ही side effects हमने हर मरीज में देखे हैं जो कोई gross हमने कोई adverse effect हमने नहीं देखा है ।   और हां दूसरी बात लोगो में ये भी आशंका थी कि कुछ लोग  after vaccination यानि vaccine टीकाकरण के बाद positive हो गये इसमें  companies से ही guidelines है कि उसमें अगर किसी को टीका लगा है । उसके बाद उसमें infection हो सकता है वो positive  हो सकता है । लेकिन जो बीमारी की severity है, यानि बीमारी की सिद्दत्त जो है, उन मरीज में, उतनी नहीं होगी यानि की वो positive हो सकते हैं लेकिन जो बीमारी है वो एक जानलेवा बीमारी उनमें साबित नहीं हो सकती, इसलिए जो भी ये misconception हैं vaccine के बारे में वो हमें दिमाग से निकालने चाहिए और जिस-जिस की बारी आयी क्योंकि 1 मई से हमारे पूरे मुल्क में जो भी 18 साल से ज्यादा की उम्र है उनको vaccine लगाने का कार्यक्रम शुरू होगा तो लोगों से अपील यही करेंगे आप आए vaccine लगवाए और अपने आप को भी protect करें और overall हमारी society और हमारी community इससे protect हो जायगी Covid 19 के  infection से । कि आपके परिवार में इतनी सारी जिम्मेवारियाँ इतने सारे यानी  multitask और उसके बाद भी आप कोरोना के मरीजों के साथ काम कर रही हैं । कोरोना के मरीजों के साथ आपका जो अनुभव रहा, वो जरुर देशवासी सुनना चाहेंगे क्योंकि sister जो होती है, nurses जो होती हैं patient के सबसे निकट होती हैं और सबसे लम्बे समय तक होती हैं तो वो हर चीज़ को बड़ी बारीकी से समझ सकती हैं जी बताइए । भावना:- जी सर, मेरा total experience COVID में सर, 2 month का है सर । हम 14 days duty करते हैं और 14 days के बाद हमें rest दिया जाता है । फिर 2 महीने बाद हमारी ये COVID duties repeat होता है सर । जब सबसे पहले मेरी COVID duty लगी तो सबसे पहले मैं अपने family members को ये COVID duty की बात share करी । ये मई की बात है और मैं, ये, जैसे ही मैंने share किया सब के सब डर गए, घबरा गए मुझसे, कहने लगे कि बेटा ठीक से काम करना, एक emotional situation था सर । बीच में जब, मेरी बेटी मुझसे पूछी, mumma आप COVID duty जा रहे हो तो उस समय बहुत ही ज्यादा मेरे लिए emotional moment था, लेकिन, जब मैं COVID patient के पास गयी तो मैं एक जिम्मेदारी घर में छोड़ कर गई और जब मैं COVID patient से मिली सर, तो वो उनसे और ज्यादा घबराये हुए थे, COVID के नाम से सारे patient इतना डरे हुए थे सर, कि, उनको समझ में ही नहीं आ रहा था कि उनके साथ क्या हो रहा है, हम आगे क्या करेंगे । हम उनके डर को दूर करने के लिए उनसे बहुत अच्छे से healthy environment दिए सर उन्हें । हमें जब ये COVID duty करने को कहा गया तो सर सबसे पहले हमको PPE Kit पहनने के लिए कहा गया सर, जो कि बहुत ही कठिन है, PPE Kit को पहन करके duty करना । सर ये बहुत tough था हमारे लिए, मैंने 2 month की duty में हर जगह 14-14 दिन duty की ward में, ICU में, Isolation में सर । भावना:- Yes sir, वहाँ जाने से पहले मुझे नहीं पता था कि मेरे colleagues कौन है । हम एक team member की तरह काम किये सर, उनका जो भी problem थे, उनको share किये, हम जाने patient के बारे में और उनका stigma दूर किये सर, कई लोग ऐसे थे सर कि जो COVID के नाम से ही डरते थे । वो सारे symptoms उनमें आते थे जब हम history लेते थे उनसे, लेकिन वो डर के कारण, वो अपना टेस्ट नहीं करवा पाते थे, तो हम उनको समझाते थे, और सर, जब severity बढ़ जाती थी तब उनका lungs already infected हो चुका रहता था तब उनको ICU की जरुरत रहती थी तब वो आते थे और साथ में उनकी पूरी family  आती थी । तो ऐसा 1-2 case हमनें देखा सर और ऐसा भी नहीं कि हर एक age group के साथ काम किया सर हमने । जिसमें छोटे बच्चे थे, महिला, पुरुष, बुजुर्ग, सारे तरह के patient थे सर । उन सबसे हमने बात करी तो सब ने कहा कि हम डर की वजह से नहीं आ पाए, सबका यही हमें answer मिला सर । तो हम उनको समझाए सर, कि, डर कुछ नहीं होता है आप हमारा साथ दीजिये हम आपका साथ देंगे बस आप जो भी protocols है उसे follow कीजिये बस हम इतना उनसे कर पाए सर । प्रेम जी – मैं CATS Ambulance में driver की post पर हूँ और जैसे ही Control हमें एक tab पर call देता है  । 102 से जो call आती है हम move करते हैं patient के पास । हम patient को जाते हैं, उनके पास, तो दो साल से हम continue कर रहे हैं ये काम । अपना kit पहन कर, अपने gloves, mask पहन कर patient को, जहाँ वो drop करने के लिए कहते हैं, जो भी hospital में, हम जल्दी से जल्दी उनको drop करते हैं ।     साथियो, प्रेम वर्मा जी और इन जैसे हजारों लोग, आज अपना जीवन दाव पर लगाकर, लोगों की सेवा कर रहे हैं । कोरोना के खिलाफ़ इस लड़ाई में जितने भी जीवन बच रहे हैं उसमें Ambulance Drivers  का भी बहुत बड़ा योगदान है । प्रेम जी आपको और देशभर में आपके सभी साथियों को मैं बहुत-बहुत साधुवाद देता हूँ । आप समय पर पहुँचते रहिये, जीवन बचाते रहिये । प्रीति – जी सर, जरूर । सर initially stage में मेरे को बहुत ज्यादा  lethargy,  मतलब बहुत सुस्ती-सुस्ती आया और उसके बाद ना मेरे गले में थोड़ी सी खराश होने लगी । तो उसके बाद ना मेरा थोड़ा सा मुझे लगा कि ये symptoms है तो मैंने test कराने के लिए test कराया । दूसरे दिन report आते ही जैसे ही मुझे positive हुआ, मैंने अपने आप को quarantine कर लिया । एक Room में isolate करके doctors के साथ consult करा, मैंने, उनसे । उनकी medication start कर दी । प्रीति – जी सर । वो बाकी सबका भी बाद में कराया था । बाकी सब negative थे । मैं ही positive थी । उससे पहले मैंने अपने आप को isolate कर लिया था एक room के अन्दर । अपनी जरुरत का सारा सामान रख कर उसको मैं अपने आप अन्दर कमरे में बंद हो गई थी । और उसके साथ-साथ मैंने फिर doctor के साथ medication start कर दी । सर मैंने medication के साथ-साथ ना मैंने, योगा, आयुर्वेदिक, और, मैं ये सब start किया और साथ में ना, मैंने, काढ़ा भी लेना शुरू कर दिया था । Immunity boost करने के लिए और सर मैं दिन में मतलब जब भी अपना भोजन लेती थी उसमे मैंने healthy food जो कि protein rich diet थी, वो लिया मैंने । मैंने बहुत सारा fluid लिया मैंने steam लिया gargle किया और hot water लिया । मैंने दिन भर में इन सब चीज़ों को ही अपने जीवन में लेती आई daily । और सर इन दिनों में ना, सबसे बड़ी बात में बोलना चाहूंगी घबराना तो बिलकुल नहीं है । बहुत mentally strong करना है जिसके लिए मुझे योगा ने बहुत ज्यादा, breathing exercise करती थी अच्छा लगता था उसको करने से मुझे ।