बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफ उल्‍लाह रहमानी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यह आश्‍चर्यजनक है कि समुदाय के साथ कोई परामर्श नहीं हुआ और "आप (सरकार) ने स्वयं पर फैसला कर लिया। इस अध्यादेश के माध्यम से न्याय देने के बजाय अन्याय किया गया है। इस मुद्दे पर जब पूछा गया कि क्‍या बोर्ड अध्‍यादेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएगा, रहमानी ने कहा कि इस बारे में हमारी कानूनी टीम चर्चा करेगी और कानूनी विकल्प को मान सकती है।