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इसका अर्थ है कि हम जो जानते हैं, वह महज़, मुट्ठी-भर एक रेत है लेकिन, जो हम नहीं जानते हैं, वो, अपने आप में पूरे ब्रह्माण्ड के समान है। इस देश की विविधता के साथ भी ऐसा ही है जितना जाने उतना कम है। हमारी biodiversity भी पूरी मानवता के लिए अनोखा खजाना है जिसे हमें संजोना है, संरक्षित रखना है, और, explore भी करना है।

31 जनवरी 2020 को लद्दाख़ की खूबसूरत वादियाँ, एक ऐतिहासिक घटना की गवाह बनी। लेह के कुशोक बाकुला रिम्पोची एयरपोर्ट से भारतीय वायुसेना के AN-32 विमान ने जब उड़ान भरी तो एक नया इतिहास बन गया। इस उड़ान में 10% इंडियन Bio-jet fuel का मिश्रण किया गया था I ऐसा पहली बार हुआ जब दोनों इंजनो में इस मिश्रण का इस्तेमाल किया गया। यही नहीं, लेह के जिस हवाई अड्डे पर इस विमान ने उड़ान भरी, वह न केवल भारत में, बल्कि दुनिया में सबसे ऊँचाई पर स्थित एयरपोर्ट में से एक है। ख़ास बात ये है कि Bio-jet fuel को non-edible tree borne oil से तैयार किया गया है। इसे भारत के विभिन्न आदिवासी इलाकों से खरीदा जाता है। इन प्रयासों से न केवल carbon के उत्सर्जन में भी कमी आएगी, बल्कि कच्चे-तेल के आयात पर भी भारत की निर्भरता कम हो सकती है। मैं इस बड़े कार्य में जुड़े सभी लोगो को बधाई देता हूँ। विशेष रूप से CSIR, Indian Institute of Petroleum, Dehradun के वैज्ञानिकों को, जिन्होनें bio-fuel से विमान उड़ाने की तकनीक को संभव कर दिया। उनका ये प्रयास, Make in India को भी सशक्त करता है I

हमारे देश की महिलाओं, हमारी बेटियों की उद्यमशीलता, उनका साहस, हर किसी के लिए गर्व की बात है। अपने आस पास हमें अनेकों ऐसे उदाहरण मिलते हैं। जिनसे पता चलता है कि बेटियाँ किस तरह पुरानी बंदिशों को तोड़ रही हैं, नई ऊँचाई प्राप्त कर रही हैं। मैं, आपके साथ, बारह साल की बेटी काम्या कार्तिकेयन   की उपलब्धि की चर्चा जरुर करना चाहूँगा। काम्या ने, सिर्फ, बारह साल की उम्र में ही Mount Aconcagua, उसको फ़तेह करने का कारनामा कर दिखाया है। ये, दक्षिण अमेरिका में ANDES पर्वत की सबसे ऊँची चोटी है, जो लगभग 7000 meter ऊँची है। हर भारतीय को ये बात छू जायेगी कि जब इस महीने की शुरुआत में काम्या ने चोटी को फ़तेह किया और सबसे पहले, वहाँ, हमारा तिरंगा फहराया। मुझे यह भी बताया गया है कि देश को गौरवान्वित करने वाली काम्या, एक नये Mission पर है, जिसका नाम है ‘Mission साहस’। इसके तहत वो सभी महाद्वीपों की सबसे ऊँची चोटियों को फ़तेह करने में जुटी है। इस अभियान में उसे North और South poles पर Ski भी करना है। मैं काम्या को ‘Mission साहस’ के लिए अपनी शुभकामनाएं देता हूँ। वैसे, काम्या की उपलब्धि सभी को fit रहने के लिए भी प्रेरित करती है। इतनी कम उम्र में, काम्या, जिस ऊँचाई पर पहुंची है, उसमें fitness का भी बहुत बड़ा योगदान है। A Nation that is fit, will be a nation that is hit. यानी जो देश fit है, वो हमेशा hit भी रहेगा। वैसे आने वाले महीने तो adventure Sports के लिए भी बहुत उपयुक्त हैं। भारत की geography ऐसी है जो हमारे देश में  adventure Sports के लिए ढेरों अवसर प्रदान करती है। एक तरफ जहाँ ऊँचे – ऊँचे पहाड़ हैं तो वहीँ दूसरी तरफ, दूर-दूर तक फैला रेगिस्तान है। एक ओर जहाँ घने जंगलों का बसेरा है, तो वहीँ दूसरी ओर समुद्र का असीम विस्तार है। इसलिए मेरा आप सब से विशेष आग्रह है कि आप भी, अपनी पसंद की जगह, अपनी रूचि की activity चुनें और अपने जीवन को adventure के साथ जरूर जोड़ें। ज़िन्दगी में adventure तो होना ही चाहिए ना ! वैसे साथियो, बारह साल की बेटी काम्या की सफलता के बाद, आप जब, 105 वर्ष की भागीरथी अम्मा की सफलता की कहानी सुनेंगे तो और हैरान हो जाएंगे। साथियो, अगर हम जीवन में प्रगति करना चाहते हैं, विकास करना चाहते हैं, कुछ कर गुजरना चाहते हैं, तो पहली शर्त यही होती है, कि हमारे भीतर का विद्यार्थी, कभी मरना नहीं चाहिए। हमारी 105 वर्ष की भागीरथी अम्मा, हमें यही प्रेरणा देती है। अब आप सोच रहे होंगे कि भागीरथी अम्मा कौन है ? भागीरथी अम्मा kerala के kollam में रहती है। बहुत बचपन में ही उन्होंने अपनी माँ को खो दिया। छोटी उम्र में शादी के बाद पति को भी खो दिया। लेकिन, भागीरथी अम्मा ने अपना हौसला नहीं खोया, अपना ज़ज्बा नहीं खोया। दस साल से कम उम्र में उन्हें अपना school छोड़ना पड़ा था। 105 साल की उम्र में उन्होंने फिर school शुरू किया। पढाई शुरू की। इतनी उम्र होने के बावजूद भागीरथी अम्मा ने level-4 की परीक्षा दी और बड़ी बेसब्री से result का इंतजार करने लगी। उन्होंने परीक्षा में 75 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। इतना ही नहीं, गणित में तो शत-प्रतिशत अंक हासिल किए। अम्मा अब और आगे पढ़ना चाहती हैं । आगे की परीक्षाएं देना चाहती हैं। ज़ाहिर है, भागीरथी अम्मा जैसे लोग, इस देश की ताकत हैं। प्रेरणा की एक बहुत बड़ी स्रोत हैं। मैं आज विशेष-रूप से भागीरथी अम्मा को प्रणाम करता हूँ।