MUTANT / mankibaat /44.txt
RajveeSheth's picture
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‘मन की बात’ के माध्यम से फिर एक बार आप सबसे रूबरू होने का अवसर मिला है। आप लोगों को भलीभांति याद होगा नौ-सेना की 6 महिला कमांडरों, ये एक दल पिछले कई महीनों से समुद्र की यात्रा पर था। ‘नाविका सागर परिक्रमा’ – जी मैं उनके विषय में कुछ बात करना चाहता हूँ। भारत की इन 6 बेटियों ने, उनकी इस team ने Two Hundred And Fifty Four Days- 250 से भी ज़्यादा दिनसमुद्र के माध्यम से INSV तारिणी में पूरी दुनिया की सैर कर 21 मई को भारत वापस लौटी हैं और पूरे देश ने उनका काफी गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने विभिन्न महासागरों और कई समुद्रों में यात्रा करते हुए लगभग बाईस हज़ार nautical miles की दूरी तय की। यह विश्व में अपने आप में एक पहली घटना थी। गत बुधवार को मुझे इन सभी बेटियों से मिलने का, उनके अनुभव सुनने का अवसर मिला। मैं एक बार फिर इन बेटियों कोउनके adventure को, Navy की प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए, भारत का मान-सम्मान बढ़ाने के लिये और विशेषकर दुनिया को भी लगे कि भारत की बेटियाँ कम नहीं हैं – ये सन्देश पहुँचाने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। Sense of adventure कौन नहीं जानता है। अगर हम मानव जाति की विकास यात्रा देखें तो किसी-न-किसी adventure की कोख में ही प्रगति पैदा हुई है। विकास adventure की गोद में ही तो जन्म लेता है। कुछ कर गुजरने का इरादा, कुछ लीक से हटकर के करने का मायना, कुछ extra ordinary करने की बात, मैं भी कुछ कर सकता हूँ – ये भाव,करने वाले भले कम हों, लेकिन युगों तक, कोटि-कोटि लोगों को प्रेरणा मिलती रहती है। पिछले दिनों आपने देखा होगा Mount Everest पर चढ़ने वालों के विषय में कई नयी-नयी बातें ध्यान में आयी हैं और सदियों से Everest मानव जाति को ललकारता रहा और बहादुर लोग उस चुनौती को स्वीकारते भी रहे हैं ।
सदियों पहले ये कही गई बात का सीधा-सीधा मतलब है कि नियमित योगा अभ्यास करने पर कुछ अच्छे गुण सगे-सम्बन्धियों और मित्रों की तरह हो जाते हैं। योग करने से साहस पैदा होता है जो सदा ही पिता की तरह हमारी रक्षा करता है। क्षमा का भाव उत्पन्न होता है जैसा माँ का अपने बच्चों के लिए होता है और मानसिक शांति हमारी स्थायी मित्र बन जाती है। भर्तृहरि ने कहा है कि नियमित योग करने से सत्य हमारी संतान, दया हमारी बहन, आत्मसंयम हमारा भाई, स्वयं धरती हमारा बिस्तर और ज्ञान हमारी भूख मिटाने वाला बन जाता है। जब इतने सारे गुण किसी के साथी बन जाएँ तो योगी सभी प्रकार के भय पर विजय प्राप्त कर लेता है। एक बार फिर मैं सभी देशवासियों से अपील करता हूँ कि वे योग की अपनी विरासत को आगे बढ़ायें और एक स्वस्थ, खुशहाल और सद्भावपूर्ण राष्ट्र का निर्माण करें।